Dev Deepawali 2025: शिव जी की पूजा विधि और महत्व
Dev Deepawali 2025: शिव जी की पूजा विधि
देव दिपावली 2025Image Credit source: Unplash
Dev Deepawali 2025 शिव जी की पूजा: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर काशी में देव दीपावली का भव्य उत्सव मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता धरती पर आते हैं और मां गंगा की आरती करते हैं। इस दौरान गंगा के किनारे लाखों दीप जलते हैं। देव दीपावली अंधकार पर प्रकाश की विजय और अहंकार पर भक्ति की जीत का प्रतीक है।
कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा को भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस घटना के बाद देवताओं ने भगवान शिव की पूजा की थी, इसलिए हर साल इस दिन देव दीपावली मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है। महादेव की कृपा से सभी दुखों से मुक्ति मिलती है।
देव दिपावली कब है? (Dev Deepawali 2025 कब है)
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 4 नवंबर को रात 10:36 बजे होगी और इसका समापन 5 नवंबर को शाम 6:48 बजे होगा। इस प्रकार, देव दीपावली 5 नवंबर को मनाई जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजे से 7:50 बजे तक रहेगा, जिससे त्योहार मनाने के लिए 2 घंटे 35 मिनट का समय मिलेगा।
देव दिपावली पर शिव जी की पूजा विधि (Dev Deepawali पूजा विधि)
देव दिपावली के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें। इस दिन प्रदोष काल में पूजा करें। सबसे पहले चौकी पर साफ कपड़ा बिछाएं और उस पर शिव जी की प्रतिमा स्थापित करें। देसी घी का दीपक जलाएं और शिव जी को फूलों की माला चढ़ाएं। शिवलिंग का अभिषेक कच्चे दूध, शहद, दही, घी और पंचामृत से करें। शिव चालीसा का पाठ करें और शिव जी के मंत्रों का जाप करें। अंत में, शिव जी को फल और मिठाई का भोग लगाएं और प्रभु से सुख-शांति की कामना करें।
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