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भारत ने सफलतापूर्वक किया प्रलय मिसाइल का परीक्षण, सुरक्षा में बढ़ी मजबूती

भारत ने नए साल की शुरुआत में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी रूप से विकसित प्रलय मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण एक 'साल्वो लॉन्च' के तहत किया गया, जिसने दुश्मनों के बीच हलचल मचा दी है। जानें इस मिसाइल की विशेषताएँ, इसकी मारक क्षमता और इसके परीक्षण का महत्व।
 

भारत का डबल धमाका: प्रलय मिसाइल का सफल परीक्षण

नए साल की दस्तक के साथ, दुनिया भर में जश्न का माहौल है। इस बीच, भारत ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी रूप से विकसित 'प्रलय' मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण एक 'साल्वो लॉन्च' के तहत किया गया, जिसने दुश्मनों के बीच हलचल मचा दी है।


साल्वो लॉन्च का अर्थ है एक साथ कई मिसाइलों का प्रक्षेपण। भारत ने ओडिशा के तट से डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से प्रलय लघु-श्रेणी बैलिस्टिक मिसाइल के उपयोगकर्ता परीक्षणों की एक श्रृंखला को सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह परीक्षण स्वदेशी हथियार प्रणाली के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।


अधिकारियों के अनुसार, सुबह लगभग 10 बजे दो मिसाइलों का परीक्षण किया गया, जिसके बाद एक और मिसाइल का प्रक्षेपण किया गया। ये परीक्षण उपयोगकर्ता द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार किए गए थे, और सभी मानक पूरे हुए, जिसमें कोई भी विचलन नहीं पाया गया।


प्रलय मिसाइल की विशेषताएँ

डीआरडीओ द्वारा विकसित प्रलय मिसाइल सतह से सतह पर मार करने वाली, कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 150 किमी से 500 किमी तक है। यह पारंपरिक युद्ध के लिए डिज़ाइन की गई है और रडार प्रतिष्ठानों, कमान एवं नियंत्रण केंद्रों और हवाई पट्टियों जैसे रणनीतिक लक्ष्यों पर सटीक हमले करने में सक्षम है।


यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से निर्मित है, जो आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए भारत के प्रयासों को दर्शाती है। प्रलय मिसाइल 500 से 1,000 किलोग्राम तक के पारंपरिक वारहेड को ले जाने की क्षमता रखती है, जिससे यह विभिन्न परिचालन आवश्यकताओं के लिए लचीलापन प्रदान करती है।


उन्नत तकनीक और परीक्षण

इस मिसाइल प्रणाली में उन्नत जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली (आईएनएस) और रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर शामिल हैं, जो उच्च सटीकता और सटीक टर्मिनल मार्गदर्शन सुनिश्चित करते हैं। इन विशेषताओं के कारण, मिसाइल अपने निर्धारित पथ पर बनी रहती है और लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाती है। अधिकारियों ने बताया कि वास्तविक परिचालन स्थितियों में मिसाइल की क्षमताओं का परीक्षण किया गया, जो सशस्त्र बलों में इसकी तैनाती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।