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छत्रपति संभाजीनगर में प्रेग्नेंसी जॉब धोखाधड़ी का खुलासा

छत्रपति संभाजीनगर में प्रेग्नेंसी जॉब के नाम पर युवाओं को ठगने का एक नया मामला सामने आया है। साइबर ठग सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल बनाकर भावनात्मक और वित्तीय लालच देकर लोगों को फंसाते हैं। इस धोखाधड़ी में ठग रजिस्ट्रेशन फीस से लेकर कानूनी फीस तक कई चरणों में पैसे वसूलते हैं। ठगों द्वारा बदनामी की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग का भी सहारा लिया जाता है। साइबर पुलिस ने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। जानें इस धोखाधड़ी के बारे में और कैसे इससे बचा जा सकता है।
 

प्रेग्नेंसी जॉब धोखाधड़ी का मामला

छत्रपति संभाजीनगर में युवाओं को भावनात्मक और वित्तीय लालच देकर फंसाने का एक नया धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। धोखेबाज घर बैठे 'प्रेग्नेंसी जॉब' का झांसा देकर लोगों को ठग रहे हैं।


सोशल मीडिया पर धोखाधड़ी

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में सोशल मीडिया के माध्यम से धोखाधड़ी की एक गंभीर घटना सामने आई है। साइबर ठग आकर्षक फेक प्रोफाइल बनाकर युवाओं को 'प्रेग्नेंसी जॉब' के नाम पर निशाना बना रहे हैं। पिछले महीने साइबर पुलिस में ऐसे कम से कम छह मामले दर्ज किए गए हैं।


25 लाख रुपये का लालच और भावनात्मक दबाव

साइबर ठग Facebook, Instagram, और Telegram जैसे प्लेटफॉर्म पर युवाओं को टारगेट कर रहे हैं। वे आकर्षक महिलाओं की तस्वीरों का उपयोग करके फेक प्रोफाइल बनाते हैं, जो खुद को अमीर या सफल बिज़नेसमैन के रूप में पेश करते हैं।


ये ठग भावनात्मक संदेश भेजकर संपर्क करते हैं, जैसे: 'मैं लंबे समय से मां नहीं बन पाई हूं, कृपया मेरी मदद करें, मैं आपको 25 लाख रुपये दूंगी।' इस लालच के साथ वे घर बैठे पैसे कमाने का झांसा देते हैं। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि कई मामलों में, मासूम लड़कियों की तस्वीरें चुराकर इन फेक प्रोफाइल्स के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।


धोखाधड़ी के विभिन्न चरण

वालुज क्षेत्र में एक प्राइवेट कंपनी में काम करने वाला 26 वर्षीय अकाउंटेंट इस धोखाधड़ी का शिकार हो गया। उससे 'प्रेग्नेंसी जॉब' के रजिस्ट्रेशन के लिए 8,000 रुपये मांगे गए थे। उसे हर महीने 40,000 रुपये सैलरी देने का वादा किया गया था। इसी तरह, एक ग्रामीण युवक भी टेलीग्राम के जरिए पार्ट-टाइम जॉब के लालच में फंस गया, जिससे रजिस्ट्रेशन के नाम पर 15,000 रुपये ले लिए गए। पैसे मिलने के बाद, ठगों ने उनसे सभी संपर्क बंद कर दिए।


इस धोखाधड़ी में पैसे अलग-अलग चरणों में वसूले जाते हैं। शुरुआत रजिस्ट्रेशन फीस से होती है, इसके बाद आइडेंटिटी वेरिफिकेशन फीस, GST, प्रोसेसिंग चार्ज, सिक्योरिटी डिपॉजिट, और अंत में कानूनी कार्रवाई और वकील की फीस के नाम पर वसूली की जाती है।


बदनामी की धमकी और ब्लैकमेलिंग

इस धोखाधड़ी का सबसे खतरनाक चरण बदनामी की धमकी देना है। चयन प्रक्रिया के बहाने युवाओं को वीडियो कॉल के लिए बुलाया जाता है। इन कॉल के दौरान, पीड़ितों को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया जाता है, और पूरी बातचीत को रिकॉर्ड किया जाता है।


बाद में, इन तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल उन्हें बदनाम करने की धमकी देने के लिए किया जाता है। ठग पीड़ित के रिश्तेदारों और दोस्तों को उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल के जरिए ढूंढ लेते हैं और उन्हें वीडियो भेजने की धमकी देते हैं। समाज में बदनामी के डर से कई युवा ब्लैकमेलिंग में पैसे देने के लिए मजबूर हो जाते हैं।


साइबर पुलिस की चेतावनी

साइबर पुलिस उपायुक्त रत्नाकर नवले ने नागरिकों को इस धोखाधड़ी के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर मिलने वाले ऐसे किसी भी ऑफर का कोई कानूनी आधार नहीं है। यह धोखाधड़ी वित्तीय, सामाजिक और यौन कमजोरियों का फायदा उठाकर की जा रही है। इसलिए, नागरिकों को ऐसे संदेशों का जवाब नहीं देना चाहिए। यदि किसी के साथ धोखाधड़ी होती है, तो तुरंत साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत करें या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।


धोखाधड़ी का शिकार होने से बचें