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आप सांसद साहनी के प्रयास से लीबिया में फंसे 17 भारतीयों को वापस लाया गया

चंडीगढ़, 21 अगस्त (आईएएनएस)। इटली में नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम चुकाने के बाद बेईमान एजेंटों से फरवरी में धोखा खाने वाले कुल 17 लोगों को पहले दुबई, फिर मिस्र ले जाया गया और फिर लीबिया ले जाया गया जहां उन्हें एक सशस्त्र माफिया ने बंधक बना लिया। आखिरकार उन्हें सुरक्षित भारत वापस लाया गया है।
 

चंडीगढ़, 21 अगस्त (आईएएनएस)। इटली में नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम चुकाने के बाद बेईमान एजेंटों से फरवरी में धोखा खाने वाले कुल 17 लोगों को पहले दुबई, फिर मिस्र ले जाया गया और फिर लीबिया ले जाया गया जहां उन्हें एक सशस्त्र माफिया ने बंधक बना लिया। आखिरकार उन्‍हें सुरक्षित भारत वापस लाया गया है।

पूरे बचाव अभियान और वापसी की प्रक्रिया का समन्वय पंजाब के आप सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी द्वारा किया गया।

साहनी ने कहा कि 28 मई को इन लोगों ने एक कॉल किया था जिसमें वे काफी घबराये हुये थे।

उन्होंने बताया कि वे लीबिया में फंसे हुए हैं और वहां उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है तथा महीनों तक बिना वेतन के काम कराया जा रहा है।

साहनी ने कहा, "हमने उनसे वीडियो कॉल पर भी बात की, जिसमें हमने देखा कि वे उचित भोजन के बिना अकल्पनीय बदतर परिस्थितियों में रह रहे थे।" उन्होंने कहा कि लीबिया में भारत का कोई राजनयिक मिशन नहीं है, इसलिए "हम उस तरफ से असहाय थे।" .

साहनी ने कहा, "जब वे आतंक और चिंता में थे, तो हमने अपने स्तर पर एक होटल बुक करके और उनके लिए दो टैक्सियों की व्यवस्था करके तत्काल हस्तक्षेप की कोशिश की ताकि वे कैद से दूर जा सकें और बच सकें। हमने 13 जून को बचाव अभियान की शुरुआत की और हम उन्‍हें सफलतापूर्वक निकालने में सफल रहे। मैं और मेरा कार्यालय पूरी रात उनके साथ लगातार कॉल करते रहे जब तक कि वे हमारे द्वारा बुक किए गए होटल में नहीं पहुंच गए।"

उन्होंने आगे कहा कि नियति हमारी परीक्षा ले रही थी क्योंकि होटल में दो दिन रुकने के बाद होटल मालिक ने हमें धोखा दिया और इन सभी लोगों को होटल से गिरफ्तार कर त्रिपोली की जेल में भेज दिया गया।

आम आदमी पार्टी के सांसद ने कहा, "इसके बाद, निकटतम भारतीय दूतावास जो ट्यूनीशिया में था, की मदद से हमने उनसे हस्तक्षेप का अनुरोध किया और हमने संयुक्त राष्ट्र से भी संपर्क किया कि मानवीय आधार पर इन लोगों को लीबिया की जेल से रिहा किया जाना चाहिए और भारत वापस भेजा जाना चाहिए।"

साहनी ने कहा कि कई सप्‍ताह के पत्राचार और कई स्तरों पर लगातार अनुरोधों के बाद, ट्यूनीशिया में भारतीय उच्चायोग संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से अपने परामर्शदाता तक पहुंच प्राप्त करने में सफल रहा, और इन लोगों को जेल से रिहा कर दिया गया और लीबिया के त्रिपोली में अवैध आप्रवासियों के बंदरगाह पर भेज दिया गया।

फिर आखिरकार 19 अगस्त को सारी कागजी कार्रवाई और अन्य औपचारिकताएं पूरी हो गईं और ये लड़के दिल्ली के लिए फ्लाइट में सवार हो गए।

साहनी ने कहा, "यह सिर्फ दिल्ली में उतरने वाला एक विमान नहीं था... यह एक मां की आशा, बहन का स्नेह और पिता का प्यार था जो लीबिया से इस विमान में आ रहा था।"

साहनी ने कहा, ''मैंने रविवार को उनमें से प्रत्येक से बातचीत की... वे इसे पुनर्जन्म मानते हैं। हवाई अड्डे पर उनके माता-पिता और परिवार के सदस्यों द्वारा जो भावनाएं व्यक्त की जा रही थीं, वह अवर्णनीय है।'' उन्होंने कहा कि अब वह कानूनी कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्हें धोखा देने वाले बेईमान एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

साहनी ने कहा, "मैं मानव तस्करी के खिलाफ पंजाब पुलिस की एसआईटी और हरियाणा तथा दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हूं। हम सुनिश्चित करेंगे कि दोषियों पर मामला दर्ज किया जाए और सख्त कार्रवाई की जाए।"

--आईएएनएस

एकेजे