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CJI गवई पर हमले की कोशिश: अटॉर्नी जनरल को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले की कोशिश के मामले में अटॉर्नी जनरल को पत्र भेजकर दो व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई की मांग की गई है। यह याचिका अनिरुद्धाचार्य और यूट्यूबर अजीत भारती की टिप्पणियों को लेकर दायर की गई है, जिसमें उन्होंने CJI पर हमले के लिए उकसाने का कार्य किया था। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की कहानी।
 

CJI गवई पर हमले की कोशिश का मामला

CJI गवई पर हमले की कोशिश मामले में अब अटॉर्नी जनरल को पत्र

भारत के अटॉर्नी जनरल के समक्ष एक याचिका प्रस्तुत की गई है, जिसमें अनिरुद्धाचार्य और यूट्यूबर अजीत भारती के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की अनुमति मांगी गई है। यह याचिका उन टिप्पणियों के संदर्भ में दायर की गई है, जिनमें उन्होंने कथित तौर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले के लिए उकसाने का कार्य किया था।

मिशन अंबेडकर के संस्थापक सूरज कुमार बौद्ध ने अटॉर्नी जनरल को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर हमले के प्रयास को भड़काने में शामिल दो व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई की अनुमति मांगी है।

‘टिप्पणियों को लेकर धमकी दी गई थी’

बौद्ध ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि 6 अक्टूबर को CJI पर हुए हमले से पहले, अनिरुद्धाचार्य उर्फ अनिरुद्ध राम तिवारी ने एक वीडियो जारी कर मुख्य न्यायाधीश को विष्णु मूर्ति मामले में उनकी टिप्पणियों को लेकर धमकी दी थी।

21 सितंबर, 2025 को, अनिरुद्धाचार्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को सीधी धमकी देते हुए कहा था कि यदि आप अपनी छाती फड़वाना चाहते हैं, तो मुझे बताएं। यह बयान मुख्य न्यायाधीश द्वारा भगवान विष्णु के बारे में की गई टिप्पणी के जवाब में दिया गया था, और इसे देश के सर्वोच्च न्यायिक प्राधिकारी के खिलाफ हिंसा भड़काने का प्रयास माना गया।

वकील ने किया हमला

वास्तव में, मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई पर कोर्ट रूम में एक वकील ने हमले की कोशिश की थी। उसने उनकी तरफ जूता फेंकने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते उसे पकड़ लिया। घटना के बाद, सीजेआई ने सुरक्षाकर्मियों से इसे नजरअंदाज करने की बात कहते हुए सुनवाई शुरू की थी।

हमले के बाद, मिशन अंबेडकर के संस्थापक सूरज कुमार बौद्ध ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी को पत्र लिखकर दो व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई की अनुमति मांगी है।