×

AIMIM की बिहार चुनावों में रणनीति: मुस्लिम मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने बिहार के 2025 चुनावों के लिए अपनी रणनीति तैयार की है, जिसमें मुस्लिम मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पार्टी ने 25 उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिनमें से अधिकांश मुस्लिम हैं। सीमांचल क्षेत्र में मुस्लिम जनसंख्या की अधिकता के बावजूद, AIMIM को चुनावी सफलता हासिल करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ओवैसी ने गठबंधन की कोशिश की, लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। जानें इस चुनावी परिदृश्य के बारे में और अधिक जानकारी।
 

AIMIM की चुनावी तैयारी

असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM), बिहार के 2025 के चुनावों में सक्रियता से भाग ले रही है। हाल ही में महागठबंधन से मिली हार के बाद, AIMIM ने 25 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें से केवल दो गैर-मुस्लिम हैं—ढाका से राणा रणजीत सिंह और सिकंदरा से मनोज कुमार दास। शेष सभी उम्मीदवार मुस्लिम समुदाय से हैं। बिहार में मुस्लिम जनसंख्या 18% है, और AIMIM ने सीमांचल क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया है, जहां बांग्लादेश की सीमा के निकट मुस्लिम आबादी अच्छी है।


सीमांचल क्षेत्र का महत्व

सीमांचल के चार जिलों—किशनगंज, कटिहार, अररिया और पूर्णिया—में मुस्लिम जनसंख्या काफी अधिक है। किशनगंज में यह आंकड़ा 68% है, जबकि कटिहार में 44.5%, अररिया में 44.2% और पूर्णिया में 38.5% है। AIMIM ने 2020 के बिहार चुनावों में पांच सीटें जीती थीं, लेकिन उनमें से चार सीटें राजद में शामिल हो गईं। ओवैसी ने विपक्षी गठबंधन में शामिल होने की कोशिश की, लेकिन राजद और कांग्रेस ने कोई रुचि नहीं दिखाई। इसके बाद, उन्होंने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की।


राजनीतिक चुनौतियाँ

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर AIMIM ने यह आशा व्यक्त की है कि वह राज्य के वंचित वर्गों की आवाज बनेगी। ओवैसी ने कहा, "बिहार विधानसभा चुनाव के लिए हमारे उम्मीदवारों की सूची तैयार की गई है। इंशाअल्लाह, हम बिहार के दबे-कुचले लोगों की आवाज बनेंगे।" हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि सीमांचल में मुस्लिम जनसंख्या होने के बावजूद AIMIM के लिए चुनावी सफलता हासिल करना आसान नहीं होगा। राजद ने मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या को सीमित रखा है, जिससे अल्पसंख्यक भाजपा को दूर रखने की कोशिश की जा रही है।


मतदाता की भूमिका

सीमांचल के मुस्लिम मतदाता AIMIM के उम्मीदवारों को भाजपा के उम्मीदवारों के मुकाबले मजबूत नहीं मान सकते। ओवैसी पर यह आरोप लगाया गया है कि वे मुस्लिम वोटों को बांटने के लिए उम्मीदवार उतार रहे हैं, जिससे हिंदुत्ववादी पार्टी को लाभ हो सकता है। ओवैसी ने कहा, "मैंने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को गठबंधन के लिए पत्र लिखा था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। अब हमें अपने दायरे को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।" मतदाता जल्द ही इन मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त कर सकते हैं।