×

AICTE का नया विधेयक: इंजीनियरों के लिए लाइसेंस अनिवार्य होगा

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने इंजीनियरों के लिए लाइसेंस अनिवार्य करने का नया विधेयक तैयार किया है। यह विधेयक इंजीनियरिंग पेशे को व्यवस्थित करने के उद्देश्य से लाया जा रहा है, जिससे मानकों में सुधार और पेशेवर पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी। विधेयक के तहत भारतीय व्यावसायिक इंजीनियर्स परिषद का गठन किया जाएगा, जो इंजीनियरों का रजिस्ट्रेशन करेगी। जानें इस विधेयक के प्रमुख बिंदुओं और इसके संभावित प्रभाव के बारे में।
 

इंजीनियरिंग पेशे में नई व्यवस्था का आगाज़

AICTE Image Credit source: AICTE

भारत में इंजीनियरिंग पेशे को और अधिक व्यवस्थित करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) एक नया कानून लाने की योजना बना रही है, जिसके तहत इंजीनियरों को भी अन्य पेशों की तरह लाइसेंस प्राप्त करना होगा। व्यावसायिक इंजीनियर्स विधेयक 2025 का मसौदा लगभग तैयार है और इसे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। इस कानून के लागू होने पर इंजीनियरों के लिए एक राष्ट्रीय रजिस्ट्रेशन प्रणाली स्थापित की जाएगी, जिससे मानकों में सुधार, जवाबदेही और पेशेवर पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी.


नया विधेयक जल्द होगा अंतिम रूप में

AICTE इंजीनियरिंग क्षेत्र को संगठित तरीके से नियंत्रित करने के लिए व्यावसायिक इंजीनियर्स विधेयक 2025 को जल्द ही अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। अधिकारियों के अनुसार, मसौदे पर विभिन्न संगठनों से कई सुझाव प्राप्त हुए हैं। इन सुझावों पर चर्चा के लिए अगले सप्ताह बैठक आयोजित की जाएगी। मसौदा तैयार होने के बाद इसे शिक्षा मंत्रालय के माध्यम से संसद में भेजा जाएगा। यह विधेयक 1 से 19 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में पेश होने की संभावना है.


भारतीय व्यावसायिक इंजीनियर्स परिषद का गठन

इस विधेयक के अंतर्गत 27 सदस्यीय भारतीय व्यावसायिक इंजीनियर्स परिषद (IPEC) का गठन किया जाएगा। यह परिषद वकीलों और डॉक्टरों की तरह इंजीनियरों का रजिस्ट्रेशन करेगी। कानून लागू होने पर इंजीनियरों को किसी भी निर्माण या तकनीकी परियोजना पर कार्य करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा, जबकि शैक्षणिक या शिक्षण क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए यह आवश्यक नहीं होगा.


राष्ट्रीय स्तर की लाइसेंसिंग व्यवस्था का निर्माण

AICTE के पूर्व सचिव राजीव कुमार ने बताया कि भारत में इंजीनियरिंग एक ऐसा प्रमुख पेशा है, जहां अभी तक राष्ट्रीय स्तर की लाइसेंसिंग प्रणाली नहीं है। नया कानून इस कमी को दूर करेगा और पेशेवर मानकों को मजबूत बनाएगा। वर्तमान इंजीनियरों को पंजीकरण के लिए 5 से 10 वर्षों का समय दिया जाएगा, ताकि इसे धीरे-धीरे लागू किया जा सके.


IPEC के सदस्यों और संचालन बोर्ड की संरचना

IPEC के पहले कार्यकाल में 27 सदस्य होंगे, जिनमें मंत्रालयों के अधिकारी, IIT और NIT जैसे संस्थानों के प्रतिनिधि और प्रमुख पेशेवर संगठनों के सदस्य शामिल होंगे। परिषद का संचालन 12-सदस्यीय बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता 25 वर्षों के अनुभवी पेशेवर के हाथों में होगी। AICTE के अधीन 5,800 से अधिक इंजीनियरिंग और डिप्लोमा कॉलेज हैं, जहां लगभग 30 लाख छात्र अध्ययन कर रहे हैं.