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Aan: Men At Work - एक्शन और ड्रामा का अनोखा संगम

फिल्म 'Aan: Men At Work' में एक्शन और ड्रामा का अनोखा मिश्रण देखने को मिलता है। निर्देशक मधुर भंडारकर की इस फिल्म में अक्षय कुमार और अन्य सितारे अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का ध्यान खींचते हैं। कहानी में पुलिस और अपराधियों के बीच की लड़ाई को दिखाया गया है, जिसमें कई एक्शन सीन और डांस नंबर शामिल हैं। हालांकि, फिल्म की कहानी में एकता की कमी है, लेकिन इसके एक्शन सीन दर्शकों को बांधे रखते हैं। जानें इस फिल्म के बारे में और क्या खास है इसमें।
 

Aan: Men At Work की कहानी

इस फिल्म में कई पुरुष काम कर रहे हैं, जो स्क्रीन पर और पर्दे के पीछे दोनों जगह अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। जब पुलिस के नायक अपने काम में जुटे होते हैं, तो बैकग्राउंड में भी कई लोग तेजी से काम करते नजर आते हैं। इस फिल्म में कोई भावुकता नहीं है, बल्कि कई सीन में मस्ती और एक्शन का तड़का है।


निर्देशक मधुर भंडारकर ने इस बार एक्शन से भरी फिल्म बनाई है। फिल्म में दिखाए गए पात्रों की मर्दानगी इतनी बढ़ा-चढ़ा कर दिखाई गई है कि अच्छे और बुरे लोगों के बीच का अंतर समझना मुश्किल हो जाता है। भंडारकर अपने नायकों और खलनायकों को एक वीडियो गेम के पात्रों की तरह पेश करते हैं।


एक्शन निर्देशक अब्बास अली मोगुल ने फिल्म के कई महत्वपूर्ण हिस्सों को संभाला है। फिल्म में एक्शन सीन इतने तीव्र हैं कि दर्शक खुद को उनमें खोया हुआ महसूस करते हैं।


अक्षय कुमार का परिचय सीन लगभग 10-15 मिनट तक चलता है, जो मुख्य कहानी का एक उप-plot बन जाता है। फिल्म में खाकी वर्दी पहने सुपर-कॉप्स और खादी में लिपटे खलनायकों के बीच की लड़ाई इतनी विस्तृत है कि यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि पुलिस बल और उसकी क्रूरता का जन्म कब हुआ।


फिल्म की ध्वनि प्रभावों में बंदूक की आवाजें और सायरन की आवाजें प्रमुख हैं। इसके अलावा, बार में महिलाएं 'नशा नशा' गाते हुए नजर आती हैं।


फिल्म में डांस सीन इतने अधिक हैं कि गिनती करना मुश्किल हो जाता है। ये सीन एक तरह की उन्मादित स्थिति का निर्माण करते हैं। निर्माता फीरोज नाडियाडवाला ने इस फिल्म में एक्शन और ग्लैमर का भरपूर मिश्रण किया है।


अक्षय कुमार इस फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं, जिसमें कई शूटआउट और एक्शन सीन दर्शकों का ध्यान खींचते हैं। हालांकि, फिल्म की कहानी में एकता की कमी है।


फिल्म में कई संवाद और दृश्य पहले की पुलिस फिल्मों से प्रेरित हैं। एक बिंदु पर संवाद लेखक ने 'अब तक छप्पन' का मजेदार संदर्भ भी दिया है।


फिल्म में महिला पात्रों को बहुत कम समय दिया गया है, और मुख्य महिला भूमिकाएं भी बहुत सीमित हैं। रवीना टंडन और लारा दत्ता की भूमिकाएं बहुत कमज़ोर हैं।


फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा और इरफान खान जैसे कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं में अच्छा प्रदर्शन किया है। इरफान का एक सीन एक भ्रष्ट जज के साथ है, जो फिल्म में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाता है।


आन एक ऐसी फिल्म है जो एक्शन से भरी है लेकिन कोई स्थायी छाप नहीं छोड़ती। शत्रुघ्न सिन्हा ने इस फिल्म को यादगार बताया है और इसे मधुर भंडारकर के साथ अपने काम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना है।