8वें वेतन आयोग पर AIDEF का गंभीर आरोप: 69 लाख पेंशनर्स को किया गया बाहर
केंद्र सरकार की नई अधिसूचना पर विवाद
केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग की शर्तों और दायरे की अधिसूचना जारी की है, जिसके बाद एक प्रमुख कर्मचारी संगठन ने गंभीर आरोप लगाए हैं। ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉयीज फेडरेशन (AIDEF) का कहना है कि इस अधिसूचना में देश के 69 लाख पेंशनरों को शामिल नहीं किया गया है। संगठन का आरोप है कि 8वें वेतन आयोग की शर्तों में उस खंड को हटा दिया गया है, जो 2014 में 7वें वेतन आयोग की अधिसूचना में 'पेंशन और रिटायरमेंट लाभों की समीक्षा' से संबंधित था।
7वें वेतन आयोग की शर्तें
2014 में जारी 7वें वेतन आयोग की शर्तों में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि आयोग उन कर्मचारियों की पेंशन संरचना की समीक्षा करेगा, जो पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इसमें कहा गया था कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों की संरचना को निर्धारित करने वाले सिद्धांतों की जांच की जाएगी।
8वें वेतन आयोग की अधिसूचना में कमी
हाल ही में वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी 8वें वेतन आयोग की अधिसूचना में पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों की समीक्षा से संबंधित कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
AIDEF की मांगें
AIDEF ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर 8वें वेतन आयोग की शर्तों में संशोधन की मांग की है, ताकि उन सभी पेंशनरों को शामिल किया जा सके जो 1 जनवरी 2026 से पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं। संगठन ने कहा है कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि 69 लाख केंद्रीय सरकारी पेंशनरों को इस दायरे से बाहर रखा गया है।
अतिरिक्त मांगें
AIDEF ने पत्र में कुछ अन्य मुद्दों को भी शामिल करने का सुझाव दिया है, जैसे कि 11 वर्ष बाद पेंशन की कमी की गई राशि की बहाली और हर 5 साल में पेंशन में 5% की वृद्धि।
सरकार की प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 28 अक्टूबर को स्पष्ट किया था कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनरों को कवर करेंगी। AIDEF ने अपने पत्र की एक प्रति नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी के स्टाफ साइड सचिव को भी भेजी है।