57 मुमुक्षुओं का ऐतिहासिक दीक्षा समारोह, 7 साल की बच्ची भी शामिल
महाराष्ट्र में अनोखा आध्यात्मिक आयोजन
योगतिलकसुरूजी महाराज
महाराष्ट्र में 23 नवंबर को एक विशेष आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें 57 मुमुक्षु एक साथ दीक्षा लेंगे। मुमुक्षु का अर्थ है मोक्ष की इच्छा रखने वाला व्यक्ति, जो जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति और आंतरिक शांति की खोज में रहता है। यह कार्यक्रम जैन आचार्य सोमसुंदरसूरिजी, श्रेयांसप्रभासूरिजी और योगतिलकसूरिजी की उपस्थिति में होगा।
इस दीक्षा समारोह में 18 पुरुष और 39 महिलाएं शामिल हैं, जो विभिन्न राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु और अमेरिका से आए हैं। सभी मुमुक्षु आचार्य योगतिलकसूरिजी के प्रवचनों से प्रेरित हैं। मुंबई के ह्यूजेस रोड पर पंचशील प्लाजा में इस कार्यक्रम के लिए 14,000 स्क्वायर फीट का पंडाल तैयार किया जा रहा है।
आयोजकों के अनुसार, इस कार्यक्रम में 3000 से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। कार्यक्रम का आयोजन समाजसेवी बाबूलालजी मिश्रीमलजी भंसाली द्वारा किया जा रहा है।
हर उम्र के मुमुक्षु शामिल
दीक्षा लेने वाली सबसे छोटी मुमुक्षु 7 साल की है, जबकि सबसे बड़े मुमुक्षु की उम्र 70 वर्ष है। इसके अलावा, 15 से अधिक ग्रेजुएट और शिक्षित युवा भी दीक्षा लेने का निर्णय ले चुके हैं। आचार्य योगतिलकसूरिजी का जैन समुदाय में विशेष स्थान है, और उन्होंने पिछले 10 वर्षों में 350 से अधिक दीक्षाएं दी हैं। वर्तमान में उनके 100 से अधिक शिष्य हैं, जो जैन धर्म में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जाती है।
यह सामूहिक दीक्षा समारोह, जो विभिन्न राज्यों और अमेरिका से आए मुमुक्षुओं, हजारों भक्तों और सम्मानित जैन आचार्यों की उपस्थिति में होगा, जैन समुदाय के लिए गर्व और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक होगा। 23 नवंबर को जब 57 मुमुक्षु एक साथ दीक्षा लेंगे, तो यह दिन त्याग और संयम का प्रतीक बनकर इतिहास में दर्ज होगा।