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2027 में होने वाली जनगणना के लिए गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना

गृह मंत्रालय ने 2027 में होने वाली राष्ट्रीय जनसंख्या जनगणना के लिए अधिसूचना जारी की है। इस जनगणना में डिजिटल डेटा संग्रह, स्व-गणना विकल्प और पहली बार जाति गणना का प्रावधान होगा। लगभग 34 लाख गणनाकार और 1.3 लाख जनगणना कर्मियों की तैनाती की जाएगी। यह प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी, जिसमें हाउस लिस्टिंग और जनसंख्या गणना शामिल हैं। जानें इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया के बारे में और क्या-क्या होगा इसमें।
 

2027 की जनगणना की तैयारी

गृह मंत्रालय, जो अमित शाह के नेतृत्व में कार्यरत है, ने 2027 में होने वाली राष्ट्रीय जनसंख्या जनगणना के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी की है। कोविड-19 महामारी के चलते विलंबित हुई इस दशकीय जनगणना में डिजिटल डेटा संग्रह, स्व-गणना विकल्प और पहली बार जाति गणना का प्रावधान होगा, जो 1 मार्च, 2027 तक संपन्न होगा। इस कार्य के लिए लगभग 34 लाख गणनाकार और पर्यवेक्षक तथा 1.3 लाख जनगणना कर्मियों की तैनाती की जाएगी। यह प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी।




गृह मंत्रालय ने बताया कि जनगणना मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से डिजिटल तरीके से की जाएगी, जिसमें लोगों को स्व-गणना का विकल्प भी दिया जाएगा। मंत्रालय ने यह भी कहा कि "डेटा संग्रह, संचरण और भंडारण के दौरान डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े उपाय किए जाएंगे।" जनगणना दो चरणों में होगी - पहले चरण में हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन (एचएलओ) होगा, जिसमें प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं की जानकारी एकत्र की जाएगी, और दूसरे चरण में जनसंख्या गणना (पीई) होगी, जिसमें प्रत्येक घर में निवास करने वाले व्यक्तियों की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी एकत्र की जाएगी। गृह मंत्रालय ने यह भी पुष्टि की है कि जनगणना में जाति गणना शामिल होगी।