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2026 में सैलरी में 9% तक बढ़ोतरी की संभावना, जानें किन सेक्टर्स में मिलेगा लाभ

भारत में कामकाजी लोगों के लिए 2026 में सैलरी में औसतन 9% तक बढ़ोतरी की संभावना है। मैन्युफैक्चरिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर में सबसे अधिक वृद्धि देखने को मिल सकती है। कंपनियां अपने रिवार्ड पैकेज में बदलाव कर रही हैं, और नौकरी छोड़ने की दर में कमी आ रही है। जानें इस रिपोर्ट में और क्या जानकारी दी गई है और किस तरह से यह कर्मचारियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
 

सैलरी में बढ़ोतरी की उम्मीद

सैलरी में औसतन 9% तक बढ़ोतरी

भारत में कार्यरत लोगों के लिए एक सकारात्मक समाचार है। 2026 में कंपनियों द्वारा कर्मचारियों की सैलरी में औसतन 9% तक वृद्धि की संभावना है। यह वृद्धि 2025 के स्तर के आसपास रहने की उम्मीद है। यह जानकारी मर्सर के टोटल रिम्यूनरेशन सर्वेक्षण से प्राप्त हुई है, जिसमें 1,500 से अधिक कंपनियों को शामिल किया गया है।


कौन से सेक्टर्स में मिलेगी अधिक बढ़ोतरी?

कौन से सेक्टर्स में मिलेगी अधिक बढ़ोतरी?

सर्वेक्षण के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग, इंजीनियरिंग और ऑटोमोबाइल सेक्टर में सबसे अधिक सैलरी वृद्धि देखने को मिल सकती है। इन क्षेत्रों में 2026 में औसतन 9.5% तक इंक्रीमेंट का अनुमान है। इसके अलावा, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) में भी लगभग 9% की सैलरी बढ़ोतरी की संभावना है।


सैलरी बढ़ोतरी का स्थिर ट्रेंड

क्यों स्थिर है सैलरी बढ़ोतरी का ट्रेंड?

मर्सर इंडिया की रिवार्ड्स कंसल्टिंग लीडर मालती केएस के अनुसार, भारत में सैलरी बढ़ोतरी का यह स्तर एक संतुलित आर्थिक स्थिति को दर्शाता है। अर्थव्यवस्था स्थिर है, लेकिन कंपनियां खर्चों को लेकर सतर्क हैं। इसके साथ ही, टैलेंट मार्केट में भी ठहराव देखा जा रहा है और नौकरी छोड़ने की दर अब नियंत्रण में है।


रिवार्ड और इंसेंटिव पर ध्यान

रिवार्ड और इंसेंटिव पर बढ़ा फोकस

सर्वे में यह भी सामने आया है कि कंपनियां अपने रिवार्ड पैकेज में बदलाव कर रही हैं। अब लॉन्ग-टर्म बेनिफिट्स के बजाय शॉर्ट-टर्म इंसेंटिव पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है, ताकि अच्छे प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को बेहतर तरीके से प्रेरित किया जा सके और उन्हें कंपनी से जोड़ा जा सके।


भर्ती में सावधानी

भर्ती को लेकर कंपनियां सतर्क

2026 में हायरिंग में भी सावधानी बरती जा रही है। 2024 में जहां 43% कंपनियां नए कर्मचारियों को जोड़ने की योजना बना रही थीं, वहीं 2026 में यह आंकड़ा घटकर 32% रहने का अनुमान है। लगभग 31% कंपनियां अभी अपनी भर्ती योजनाओं को लेकर कोई निर्णय नहीं ले पाई हैं, जिससे भविष्य के प्रति अनिश्चितता स्पष्ट है।


नौकरी छोड़ने की दर में कमी

घट रही है नौकरी छोड़ने की दर

एक और सकारात्मक बात यह है कि कर्मचारियों के बीच नौकरी छोड़ने की दर लगातार कम हो रही है। स्वैच्छिक एट्रिशन 2023 में 13.1% थी, जो 2025 की पहली छमाही में घटकर 6.4% रह गई है। जबरन छंटनी की दर भी 1.6% तक आ गई है। कुल मिलाकर, 2026 में सैलरी बढ़ोतरी स्थिर लेकिन संतुलित रहने की उम्मीद है। कंपनियां खर्च पर नियंत्रण रखते हुए अच्छे टैलेंट को बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रही हैं, जिससे कर्मचारियों के लिए एक अधिक स्थिर और भरोसेमंद माहौल बनता दिख रहा है.