×

2026 में मकर संक्रांति और षटतिला एकादशी का विशेष संयोग

2026 में मकर संक्रांति और षटतिला एकादशी का विशेष संयोग बन रहा है, जो पिछले 23 वर्षों में पहली बार होगा। जानें इस दिन का महत्व, दान-पुण्य का शुभ समय और व्रत की विशेषताएँ। इस लेख में मकर संक्रांति के साथ जुड़ी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
 

मकर संक्रांति और षटतिला एकादशी 2026

मकर संक्रांति और षटतिला एकादशी 2026

मकर संक्रांति और षटतिला एकादशी 2026: मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर साल माघ मास में मनाया जाता है। यह त्योहार तब आता है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है और दक्षिणायन से उत्तरायण होता है। वर्ष 2026 में मकर संक्रांति के साथ एकादशी का विशेष संयोग बन रहा है, जो पिछले 23 वर्षों में पहली बार हो रहा है।

इससे पहले, 2003 में मकर संक्रांति के दिन एकादशी का पर्व मनाया गया था। आइए जानते हैं कि 2026 में मकर संक्रांति और एकादशी कब मनाई जाएगी और यह कौन सी एकादशी होगी।

2026 में मकर संक्रांति और एकादशी की तिथि

भगवान सूर्य वर्तमान में गुरु बृहस्पति की राशि धनु में हैं। उनका मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी 2026 को होगा, इसलिए इस दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। माघ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 13 जनवरी को दोपहर 03:17 बजे से शुरू होगी और 14 जनवरी को शाम 05:52 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, एकादशी का व्रत 14 जनवरी को किया जाएगा, जो कि षटतिला एकादशी होगी।

दान-पुण्य का शुभ समय

मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य का समय 14 जनवरी को दोपहर 03:07 बजे से शुरू होगा और शाम 06:02 बजे तक रहेगा। इस समय में दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है। इस बार मकर संक्रांति पर एकादशी होने के कारण, बुधवार और अनुराधा नक्षत्र के चलते सवार्थ और अमृत सिद्धि योग का निर्माण होगा।

भोजन का दान नहीं होगा

मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू और खिचड़ी खाने की परंपरा है, लेकिन इस बार षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। व्रति अन्न का सेवन नहीं कर सकेंगे और न ही अन्न निर्मित भोजन का दान किया जा सकेगा। इसलिए इस दिन फलाहार और सागाहारी सामग्री का उपयोग किया जाएगा।

दान का महत्व मकर संक्रांति पर बहुत अधिक है, इसलिए इस दिन दान अवश्य करना चाहिए। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जब मकर संक्रांति पर एकादशी होती है, तो किसी को भी अन्न से निर्मित भोजन नहीं कराना चाहिए।