2025 का मानसून सत्र: संसद में 15 विधेयक पारित, महत्वपूर्ण सुधारों पर चर्चा
संसद का मानसून सत्र समाप्त
संसद का 2025 का मानसून सत्र, जो 21 जुलाई 2025 को शुरू हुआ था, 21 अगस्त 2025 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस सत्र के अंतिम दिन, लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि 14 विधेयक पेश किए गए और 12 विधेयक लोकसभा में पारित हुए। वहीं, संसदीय मामलों के मंत्रालय ने जानकारी दी कि राज्यसभा ने 15 विधेयक पारित किए और दोनों सदनों ने मिलकर कुल 15 विधेयक पारित किए। इसके अलावा, एक विधेयक लोकसभा में वापस ले लिया गया।
महत्वपूर्ण चर्चा और विधेयक
इस मानसून सत्र की कुछ प्रमुख बातें:
28-29 जुलाई को लोकसभा में और 29-30 जुलाई को राज्यसभा में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के सफल और निर्णायक 'ऑपरेशन सिंदूर' पर विशेष चर्चा हुई।
मणिपुर राज्य में राष्ट्रपति शासन के विस्तार के लिए एक वैधानिक प्रस्ताव को दोनों सदनों में स्वीकृति दी गई।
आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025 को 11 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया और 12 अगस्त को राज्यसभा द्वारा वापस किया गया। यह विधेयक पहले 13 फरवरी 2025 को पेश किया गया था, लेकिन सरकार ने इसे वापस ले लिया था।
राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 पारित किया गया, जिसका उद्देश्य खेलों के विकास और खिलाड़ियों की भलाई के लिए उपाय प्रदान करना है।
ऑनलाइन गेमिंग के प्रचार और विनियमन विधेयक, 2025 भी पारित किया गया, जो ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को विनियमित करने का प्रयास करता है।
विधेयकों की सूची
धारा | विवरण |
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लोकसभा में पेश किए गए विधेयक | 1. राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 2. राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक, 2025 3. मणिपुर जीएसटी (संशोधन) विधेयक, 2025 4. मणिपुर अनुप्रयोग (संख्या 2) विधेयक, 2025 5. आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025 6. कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 7. खनिज (संशोधन) विधेयक, 2025 8. दिवालियापन और दिवालियापन कोड (संशोधन) विधेयक, 2025 9. जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2025 10. भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 11. संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 12. संघ शासित प्रदेशों का (संशोधन) विधेयक, 2025 13. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 14. ऑनलाइन गेमिंग विधेयक, 2025 |
विधेयकों की स्थिति
लोकसभा में पेश किए गए विधेयकों में से कुछ को चयन समिति के पास भेजा गया है, जबकि कुछ विधेयक दोनों सदनों द्वारा पारित किए गए हैं।