2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण: ज्योतिषीय प्रभाव और सावधानियाँ
सूर्य ग्रहण की जानकारी
2025 का अंतिम सूर्य ग्रहण रविवार, 21 सितंबर को होगा। सनातन धर्म में ग्रहणों को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, यह एक खगोलीय घटना है। हालांकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में सीधे दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसका प्रभाव महसूस किया जाएगा। वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को हो रहा है, और इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा। ऐसे में, यह ग्रहण राशि चक्र पर भी प्रभाव डालेगा, जिससे कुछ के लिए शुभ और कुछ के लिए अशुभ फल मिल सकते हैं।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण
अयोध्या के ज्योतिषी, पंडित काल्की राम के अनुसार, 21 सितंबर को होने वाला यह सूर्य ग्रहण रात 10:39 बजे शुरू होगा, लेकिन भारत में यह दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण न्यूजीलैंड में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, यह ग्रहण वृषभ, सिंह और तुला राशि के लिए अत्यंत शुभ रहेगा, जिन्हें कई सकारात्मक समाचार मिल सकते हैं।
सकारात्मक समाचार और सावधानियाँ
समस्याओं से राहत
इन राशियों के लोगों को कई सकारात्मक समाचार मिलेंगे। लंबित कार्य पूरे हो सकते हैं। जो समस्याएँ उत्पन्न हुई हैं, उनका समाधान हो सकता है। व्यापार में वृद्धि होगी। कार्यस्थल पर पदोन्नति मिल सकती है। प्रेम जीवन भी शानदार रहेगा। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत मिलेगी। दूसरी ओर, कन्या राशि वालों को सतर्क रहना चाहिए। उन्हें वित्तीय नुकसान हो सकता है। मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ भी हो सकती हैं।
ग्रहण के दौरान विशेष सावधानियाँ
सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। इस समय प्रार्थना, भोजन और धारदार उपकरणों का उपयोग नहीं करना चाहिए। ज्योतिषियों के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को भी ग्रहण के दौरान सावधान रहना चाहिए। ग्रहण के समय सूर्य देवता के लिए मंत्र का जाप करें। सुबह सूर्य देवता को प्रार्थना अर्पित करें। दान करें। गायत्री मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से ग्रहण के दुष्प्रभावों से राहत मिलती है।
सोशल मीडिया पर साझा करें
PC Social media