×

2023 में नए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत पुलिस प्रशिक्षण में बदलाव

2023 में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के तहत पुलिस प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। नए कानूनों के अनुसार, सभी पुलिस कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें आधुनिक तकनीकों और विधिक ज्ञान का समावेश है। आगामी 2 सितंबर से 173वें बैच का प्रशिक्षण शुरू होगा, जिसमें पुलिस अधिकारियों को नए विधिक ज्ञान, डिजिटल फॉरेंसिक, और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षित किया जाएगा। जानें इस प्रक्रिया के बारे में और कैसे यह पुलिसिंग को सशक्त बनाएगा।
 

पुलिस प्रशिक्षण में नए कानूनों का समावेश

भारत में 2023 में लागू किए गए नए कानून बीएनएसएस (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) के तहत, सभी पुराने आपराधिक कानूनों को बदल दिया गया है। इस नए कानून में न्याय व्यवस्था और कानून में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। पुलिस कर्मियों, विशेषकर दारोगा से लेकर डीएसपी और उच्च पदाधिकारियों को इन परिवर्तनों की जानकारी देना अनिवार्य हो गया है। सभी पुलिस कर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है, जो लगातार जारी है। सीआईडी के एडवांस ट्रेनिंग स्कूल (एटीएस) को इस प्रशिक्षण के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। हर महीने यहां औसतन 350 पुलिस अधिकारियों को विशेष विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाता है। इसका उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को नए बदलावों से अवगत कराना और उन्हें तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है।


 


173वें बैच का प्रशिक्षण शुरू

इस प्रशिक्षण संस्थान का 173वां बैच 2 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। हाल ही में 171वें बैच का प्रशिक्षण 8 से 21 जुलाई तक आयोजित किया गया था, जिसमें 343 दारोगा को प्रशिक्षित किया गया। अब 172वां और 173वां बैच प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है। 


 


प्रशिक्षण के विषय

पुलिस अधिकारियों को एसटीएस के माध्यम से 15 दिनों की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें नए विधिक ज्ञान, डिजिटल फॉरेंसिक, सीसीटीवी विश्लेषण, मोबाइट डाटा ट्रैकिंग, डीएनए, फिंगरप्रिंट, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण शामिल है। इसके अलावा, अनुशासन, एफआईआर, जीरो एफआईआर, प्रारंभिक जांच, विवादित तथ्य, गवाहों के बयान, मानव शरीर से संबंधित अपराधों की जांच, गिरफ्तारी की प्रक्रिया, महत्वपूर्ण पुलिस आदेश और न्यायालय के निर्णयों की जानकारी दी जाती है।  


 


प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षण

पुलिस अधिकारियों को विशेष बिंदुओं पर प्रशिक्षण देने के लिए देश के प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों में भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनमें नई दिल्ली की नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, एनसीआरबी, चंडीगढ़ का सीडीटीआई, हैदराबाद का नॉर्थ ईस्ट पुलिस एकेडमी और मेघालय का यूएमएसएडब्ल्यू शामिल हैं। भविष्य में इन संस्थानों से 2000 पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण देने की योजना है।


 


एटीएस की स्थापना

एटीएस की स्थापना 1945 में हुई थी, जिसका उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को नए विषयों पर प्रशिक्षण देना था। इस संस्थान में नेपाल, भूटान, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के अधिकारी भी प्रशिक्षण लेते थे। पिछले कुछ वर्षों को छोड़कर, इस संस्थान से प्रशिक्षण देने का कार्य निरंतर जारी है।


 


नए कानूनों का प्रशिक्षण

पुलिस कर्मियों को नए कानूनों और अन्य मूलभूत बातों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए एक समुचित ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किया गया है। इस प्रक्रिया को निरंतर जारी रखा जाएगा, और आगामी वर्ष तक 2000 से अधिक पुलिस कर्मियों को सक्षम और सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।