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2023 में किसानों की आत्महत्या: NCRB रिपोर्ट में चिंताजनक आंकड़े

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने 2023 में किसानों की आत्महत्या से संबंधित एक चिंताजनक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कृषि से जुड़े 10,000 से अधिक लोगों ने आत्महत्या की, जिसमें सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र और कर्नाटक से हैं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि आत्महत्या करने वालों में किसानों के साथ-साथ खेतिहर श्रमिक भी शामिल हैं। आर्थिक तंगी और बेरोजगारी के कारण कई युवाओं ने भी आत्महत्या की। जानें इस रिपोर्ट में और क्या खुलासे हुए हैं।
 

किसानों की आत्महत्या की alarming रिपोर्ट

किसानों ने की सबसे ज्यादा आत्महत्याएं

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने किसानों की आत्महत्या से संबंधित एक चिंताजनक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में कृषि क्षेत्र से जुड़े 10,000 से अधिक व्यक्तियों ने आत्महत्या की, जिसमें किसान और कृषि श्रमिक दोनों शामिल हैं। आत्महत्या के मामले सबसे अधिक महाराष्ट्र (38.5%) और कर्नाटक (22.5%) में दर्ज किए गए हैं, जबकि कुछ राज्यों में एक भी आत्महत्या का मामला नहीं पाया गया, जैसे पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, और गोवा।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 2023 में देशभर में 1 लाख 70 हजार से अधिक आत्महत्या के मामले सामने आए हैं, जिसमें किसान, बेरोजगार युवा और व्यवसाय से जुड़े लोग शामिल हैं।

किसानों की आत्महत्या की संख्या में वृद्धि

NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, आत्महत्या करने वालों में किसान और खेतों में काम करने वाले श्रमिक शामिल हैं। आत्महत्या करने वाले किसानों और श्रमिकों की संख्या 10,700 से अधिक है, जिसमें 4,690 किसान और 6,096 खेतिहर श्रमिक शामिल हैं। इस आंकड़े में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं की भी आत्महत्याएं शामिल हैं।

किसान आत्महत्याओं के प्रमुख राज्य

किसानों की आत्महत्या के मामले मुख्यतः महाराष्ट्र (38.5 %), कर्नाटक (22.5 %), आंध्र प्रदेश (8.6 %), मध्य प्रदेश (7.2 %), और तमिलनाडु (5.9 %) में देखे गए हैं। वहीं, कुछ राज्यों में एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की, जैसे पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, चंडीगढ़, दिल्ली, और लक्षद्वीप।

आर्थिक समस्याओं का प्रभाव

रिपोर्ट में आत्महत्या करने वाले व्यक्तियों की आर्थिक स्थिति पर भी ध्यान दिया गया है। 2023 में, अधिकांश आत्महत्या करने वालों की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से कम थी। इसके अलावा, बेरोजगारी के कारण भी कई युवाओं ने आत्महत्या की, जिनमें केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, और उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक मामले देखे गए हैं।