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13 सितंबर को लोक अदालत में ट्रैफिक चालान निपटाने का अवसर

13 सितंबर को होने वाली लोक अदालत में लाखों नागरिकों को ट्रैफिक चालान निपटाने का अवसर मिलेगा। यह विशेष अदालतें मामूली जुर्माने को कम दरों पर निपटाने या पूरी तरह से माफ करने का मौका देती हैं। जानें पंजीकरण की प्रक्रिया, सुनवाई के लिए क्या दस्तावेज लाने हैं, और किन मामलों को लोक अदालत में नहीं लिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य नागरिकों के लिए ट्रैफिक जुर्माने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।
 

लोक अदालत का महत्व

13 सितंबर को आयोजित होने वाली लोक अदालत से लाखों लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। ये विशेष अदालतें नागरिकों को मामूली ट्रैफिक जुर्माने को कम दरों पर निपटाने या कुछ मामलों में पूरी तरह से माफ कराने का अवसर प्रदान करती हैं। इस पहल का उद्देश्य छोटे अपराधों के लंबित चालानों के बोझ को कम करना और नागरिकों के लिए अपने बकाया चुकाने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।


लोक अदालत में पंजीकरण की प्रक्रिया

लोक अदालत में पंजीकरण के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:



  • राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) की वेबसाइट पर जाएं।

  • लोक अदालत पंजीकरण का विकल्प चुनें।

  • आवेदन पत्र भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।

  • फॉर्म जमा करने के बाद, आपको ईमेल या फोन के माध्यम से टोकन नंबर और नियुक्ति पत्र प्राप्त होगा।

  • नियुक्ति पत्र में आपकी तारीख, समय और स्थान की जानकारी होगी।


क्या लाना है?

सुनवाई के दिन मूल दस्तावेज, टोकन नंबर और नियुक्ति पत्र लाना अनिवार्य है। प्रशासन ने सलाह दी है कि स्थान पर कम से कम एक घंटे पहले पहुंचें।


छोटे उल्लंघनों पर छूट

लोक अदालत निम्नलिखित छोटे उल्लंघनों पर छूट या पूरी माफी दे सकती है:



  • सीट बेल्ट के बिना गाड़ी चलाना

  • हेलमेट के बिना दोपहिया चलाना

  • लाल बत्ती का उल्लंघन

  • गलती से जारी चालान

  • ओवरस्पीडिंग

  • वैध PUC प्रमाणपत्र के बिना

  • गलत स्थान पर पार्किंग

  • ड्राइविंग लाइसेंस के बिना गाड़ी चलाना

  • फिटनेस प्रमाणपत्र के बिना

  • गलत लेन में गाड़ी चलाना

  • ट्रैफिक सिग्नल की अनदेखी करना

  • नंबर प्लेट के बिना गाड़ी चलाना


जो मामले लोक अदालत में नहीं लिए जाएंगे

निम्नलिखित मामलों को लोक अदालत में नहीं लिया जाएगा और इन्हें सामान्य अदालतों में ही निपटाना होगा:



  • शराब पीकर गाड़ी चलाना

  • हिट-एंड-रन मामले

  • लापरवाही से मृत्यु

  • गैरकानूनी रेसिंग या स्पीडिंग

  • नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाना

  • अपराध गतिविधियों में उपयोग की गई गाड़ियाँ

  • जिन मामलों पर अदालत में पहले से सुनवाई चल रही है

  • अन्य राज्यों से जारी चालान


सुनवाई की प्रक्रिया

सुनवाई की प्रक्रिया इस प्रकार होगी:



  • मामलों की सुनवाई टोकन नंबर के आधार पर की जाएगी।

  • जज चालान की समीक्षा कर सकते हैं और पूरी जुर्माना माफ कर सकते हैं या छूट दे सकते हैं।

  • यदि मामला गंभीर है या बार-बार उल्लंघन हुआ है, तो जुर्माना लगाया जा सकता है।

  • आदेश पारित होने के बाद, मामला समाप्त माना जाएगा।