12 वर्षीय बच्ची के साथ तांत्रिक की अमानवीय हरकत, मामला दर्ज
दिल दहला देने वाली घटना
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के बरुआसागर क्षेत्र में एक च shocking घटना सामने आई है, जहां एक 12 वर्षीय बच्ची को गले में दर्द की शिकायत के चलते एक कथित तांत्रिक ने लगभग आधे घंटे तक बंद कमरे में अमानवीय व्यवहार का शिकार बनाया। पीड़ित परिवार के अनुसार, उनकी बेटी जो आठवीं कक्षा में पढ़ती है, कई दिनों से गले में तकलीफ महसूस कर रही थी। जब डॉक्टरों से कोई राहत नहीं मिली, तो परिजनों ने 18 नवंबर को गांव के प्रसिद्ध तांत्रिक हरभजन को बुलाया।
तांत्रिक ने बच्ची को देखते ही कहा कि उस पर 'ऊपरी बाधा' है और इलाज के लिए एकांत में रहना आवश्यक है। उसने स्पष्ट निर्देश दिया कि कमरे में कोई भी न आए, चाहे बच्ची कितनी भी रोए। अंधविश्वास में डूबे माता-पिता ने उसकी बात मान ली। कमरे का दरवाजा बंद होते ही तांत्रिक ने बच्ची के कपड़े उतार दिए और नींबू उसके शरीर पर रगड़ते हुए अभद्रता करता रहा।
बच्ची की चीखें बाहर तक सुनाई दे रही थीं, लेकिन तांत्रिक ने चेतावनी दी कि 'पूजा खंडित हो जाएगी'। लगभग 30-35 मिनट बाद जब वह बाहर आया, तो उसने कहा, 'अब बच्ची पूरी तरह ठीक हो जाएगी।' बाहर आते ही बच्ची ने अपनी मां से लिपटकर रोते-रोते अपनी आपबीती सुनाई, जिससे परिजनों के होश उड़ गए। जब तक वे कुछ समझ पाते, तांत्रिक मौके से फरार हो चुका था।
घटना के बाद, बच्ची की मां ने तुरंत बरुआसागर थाने में शिकायत दर्ज कराई। थाना प्रभारी राहुल राठौर ने बताया कि आरोपी हरभजन के खिलाफ बलात्कार, पॉक्सो एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं और उसे जल्द ही गिरफ्तार करने का दावा किया जा रहा है।
यह घटना एक बार फिर अंधविश्वास के खतरनाक परिणामों को उजागर करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग छोटी-छोटी बीमारियों के लिए ओझा-तांत्रिकों के पास जाते हैं, जिसका फायदा ऐसे लोग उठाते हैं। पुलिस और सामाजिक संगठनों ने लोगों से अपील की है कि किसी भी बीमारी के लिए पहले डॉक्टर से संपर्क करें और बच्चों को कभी भी अजनबी के साथ अकेला न छोड़ें।