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हीमेटोमा: लक्षण, कारण और उपचार की जानकारी

हीमेटोमा एक गंभीर स्थिति है जो चोट लगने पर खून के बाहर निकलने से होती है। इसके लक्षणों में दर्द, सूजन और अचानक खून बहना शामिल हैं। जानें इसके कारण, लक्षण और उपचार के तरीके। यह जानकारी आपको इस स्थिति को समझने और सही समय पर उपचार कराने में मदद करेगी।
 

हीमेटोमा क्या है?

हाथ-पैर में चोट लगना सामान्य है, लेकिन चोट के बाद खून का बहना एक गंभीर समस्या हो सकती है। कई लोग इस पर ध्यान नहीं देते, जो कि खतरनाक हो सकता है। लगातार खून बहना हीमोफीलिया का संकेत हो सकता है, जो लगभग 2 लाख लोगों को प्रभावित करता है। जागरूकता की कमी के कारण लोग इसे पहचान नहीं पाते।


हीमेटोमा के कारण

हीमेटोमा तब होता है जब चोट लगने पर खून रक्त वाहिकाओं से बाहर निकलकर जमा हो जाता है। यह स्थिति गंभीर हो सकती है और इसके कई कारण हो सकते हैं:


  • यह आनुवांशिक हो सकता है, यदि परिवार में किसी को यह समस्या रही हो।
  • गहरी चोट लगने से भी हीमेटोमा हो सकता है।
  • ब्लड क्लॉटिंग फैक्टर की कमी भी इसका कारण बन सकती है।
  • खून के थक्के बनना भी एक कारण है।


हीमेटोमा के लक्षण

हीमेटोमा के लक्षणों में शामिल हैं:


  • प्रभावित क्षेत्र में तेज दर्द, सूजन और लालिमा।
  • सबडुरल हीमेटोमा में सिरदर्द और नर्व्स संबंधी समस्याएं।
  • एपिडुरल हीमेटोमा में कमर दर्द और कमजोरी।
  • सबअंगुअल हीमेटोमा में नाखूनों का टूटना और शरीर में दर्द।
  • अचानक खून बहना, त्वचा पर नीले घाव और चिड़चिड़ापन।


हीमेटोमा का उपचार

हीमेटोमा का उपचार उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में उपचार की आवश्यकता नहीं होती, जबकि गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।


हीमेटोमा से पीड़ित लोगों के लिए सुझाव

  • शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाएं ताकि रक्त संचार सही बना रहे।
  • ऐसी दवाओं से बचें जो खून को गाढ़ा करती हैं।
  • महीने में कम से कम दो बार खून और डेंटल चेकअप कराएं।
  • ऐसी गतिविधियों से बचें जिनसे चोट लगने की संभावना हो।
  • संतुलित आहार में हरी सब्जियां, फल और सूखे मेवे शामिल करें।