हाई ब्लड प्रेशर: जानें इसके प्रभाव और बचाव के उपाय
हाई ब्लड प्रेशर क्या है?
हाई ब्लड प्रेशर: इसे अक्सर 'साइलेंट किलर' कहा जाता है, क्योंकि यह बिना किसी स्पष्ट लक्षण के शरीर को नुकसान पहुंचाता है। यदि इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह दिल, मस्तिष्क, किडनी और आंखों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
जब रक्त में दबाव सामान्य से अधिक होता है, तो इसे उच्च रक्तचाप कहा जाता है। यह तब होता है जब रक्त वाहिकाओं में अत्यधिक दबाव बढ़ता है। आमतौर पर, यदि रक्तचाप 130/80 मिमी एचजी या इससे अधिक होता है, तो इसे उच्च रक्तचाप माना जाता है।
ब्लड प्रेशर के मानक:
- सिस्टोलिक (ऊपरी दबाव): दिल के संकुचन के समय का दबाव।
- डायस्टोलिक (निचला दबाव): दिल के विश्राम के समय का दबाव।
ब्लड प्रेशर की श्रेणियाँ:
- नॉर्मल बीपी: 120/80 मिमी एचजी से कम
- बढ़ा हुआ बीपी: 120-129 सिस्टॉलिक और 80 से कम डायस्टॉलिक
- फर्स्ट स्टेज 1 हाई बीपी: 130-139 सिस्टॉलिक या 80-89 डायस्टॉलिक
- सेकेंड स्टेज हाई बीपी: 140 या उससे अधिक सिस्टॉलिक या 90 या उससे अधिक डायस्टॉलिक
हाई बीपी के कारण होने वाली समस्याएँ
हाई बीपी के प्रभाव: यह विभिन्न अंगों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
- ब्रेन हेमरेज: उच्च रक्तचाप के कारण दिमाग की नसों पर दबाव बढ़ता है, जिससे वे कमजोर हो सकती हैं और कभी-कभी फट भी सकती हैं। इससे मस्तिष्क में रक्तस्राव हो सकता है।
- ब्लड वेसल्स की कमजोरी: उच्च रक्तचाप से रक्त वाहिकाएँ कमजोर हो जाती हैं, जिससे हाइपरटेंशन की स्थिति उत्पन्न होती है।
- दिल का नुकसान: दिल पर बढ़ता दबाव हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
- किडनी की समस्याएँ: उच्च रक्तचाप किडनी पर दबाव डालता है, जिससे किडनी फेल्योर हो सकता है।
- आंखों की समस्याएँ: यह आंखों की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे दृष्टि में परिवर्तन हो सकता है।
हाई बीपी के लक्षण और बचाव के उपाय
हाई बीपी के लक्षण: इसके लक्षण हमेशा स्पष्ट नहीं होते, लेकिन कुछ संकेत होते हैं जैसे:
- अचानक और गंभीर सिरदर्द
- मतली और उल्टी
- दृष्टि में परिवर्तन
- भ्रम या मानसिक स्थिति में परिवर्तन
- शरीर के किसी हिस्से में सुन्नता या कमजोरी
बचाव के उपाय:
- नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक करें: समय पर पहचान के लिए यह आवश्यक है।
- स्वस्थ आहार और जीवनशैली: संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
- तनाव कम करें: योग और ध्यान से मानसिक दबाव को कम करें।
- नशीले पदार्थों से बचें: शराब और तंबाकू का सेवन कम करें।
हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर समस्या है, जो समय पर इलाज न होने पर स्ट्रोक और दिल के दौरे का कारण बन सकती है। इसलिए इसके लक्षणों को नजरअंदाज न करें और नियमित रूप से चेकअप कराएं।