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साइलेंट हाइपरटेंशन: एक खतरनाक स्थिति जिसे पहचानना जरूरी है

साइलेंट हाइपरटेंशन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो बिना किसी लक्षण के कई वर्षों तक रह सकती है। यह स्थिति दिल, गुर्दे और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकती है। इस लेख में, हम जानेंगे कि साइलेंट हाइपरटेंशन क्या है, यह क्यों खतरनाक है, और इसे पहचानने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए। नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस स्थिति से बचा जा सकता है।
 

क्या आप जानते हैं?


क्या आप जानते हैं कि उच्च रक्तचाप कई वर्षों तक बिना किसी लक्षण के रह सकता है? इसे साइलेंट हाइपरटेंशन कहा जाता है, और यही कारण है कि इसे 'साइलेंट किलर' माना जाता है।


साइलेंट हाइपरटेंशन क्या है?

साइलेंट हाइपरटेंशन, जिसे "असिंप्टोमैटिक हाइपरटेंशन" भी कहा जाता है, एक प्रकार का उच्च रक्तचाप है जो वर्षों तक बिना किसी लक्षण के रहता है। सामान्यतः, उच्च रक्तचाप के लक्षणों में सिरदर्द, चक्कर, सांस की कमी, नाक से खून आना, या थकान शामिल होते हैं। लेकिन साइलेंट हाइपरटेंशन में ये लक्षण नहीं होते, जिससे व्यक्ति को यह पता नहीं चलता कि उनका रक्तचाप सामान्य स्तर से ऊपर है।


यह इतना खतरनाक क्यों है?

चूंकि लक्षण अनुपस्थित होते हैं, अधिकांश लोग अपने रक्तचाप की जांच नहीं कराते। इस दौरान, उच्च रक्तचाप शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाता है:

दिल पर प्रभाव: दिल पर अतिरिक्त दबाव दिल की मांसपेशियों को मोटा कर सकता है, दिल की पंपिंग क्षमता को कम कर सकता है, और दिल की विफलता का जोखिम बढ़ा सकता है।

धमनियों को नुकसान: उच्च रक्तचाप धमनियों की आंतरिक परत को कमजोर करता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस की प्रक्रिया तेज होती है।

गुर्दे को नुकसान: गुर्दों में छोटे रक्त वाहिकाएं प्रभावित हो सकती हैं, जिससे गुर्दे की कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होती है।

मस्तिष्क पर प्रभाव: मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं को नुकसान स्ट्रोक के जोखिम को काफी बढ़ा देता है।


यह इतनी देर तक क्यों छिपा रहता है?

साइलेंट हाइपरटेंशन के लंबे समय तक छिपे रहने के कई कारण हैं:

शरीर धीरे-धीरे बढ़ते रक्तचाप के साथ अनुकूलित हो जाता है, जिससे व्यक्ति को कोई असामान्यता महसूस नहीं होती।

कई लोग उच्च रक्तचाप के सामान्य लक्षणों का अनुभव नहीं करते, खासकर प्रारंभिक चरणों में। भारत जैसे देशों में, यहां तक कि स्वस्थ व्यक्ति भी नियमित रूप से रक्तचाप की जांच नहीं कराते।

अक्सर, लोग केवल तब जांच कराते हैं जब उन्हें लक्षण महसूस होते हैं या कोई अन्य बीमारी होती है।

कई लोग मानते हैं कि उच्च रक्तचाप केवल तनावग्रस्त, अधिक वजन वाले, या वृद्ध लोगों को प्रभावित करता है। स्वस्थ दिखने वाले युवा और मध्य आयु के लोग अक्सर सुरक्षित महसूस करते हैं और जांच नहीं कराते।

कभी-कभी, हल्के लक्षण जैसे हल्का सिरदर्द या थकान को तनाव, नींद की कमी, या कार्य के दबाव के कारण समझा जाता है।


इसे कैसे पहचानें?

नियमित जांच: 30 वर्ष की आयु के बाद, हर किसी को साल में कम से कम दो बार रक्तचाप की जांच करानी चाहिए।

जागरूकता: उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता बढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण है। यह किसी भी आयु, लिंग, या शरीर के प्रकार के लोगों को प्रभावित कर सकता है।

स्वस्थ जीवनशैली: नमक का सेवन कम करना, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन, और उचित आहार उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम कर सकते हैं।

परिवार का इतिहास: यदि परिवार में उच्च रक्तचाप का इतिहास है, तो अतिरिक्त सतर्क रहना महत्वपूर्ण है।