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सर्दियों में हार्ट की बीमारियों की पहचान के लिए जरूरी टेस्ट

सर्दियों में हार्ट की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ महत्वपूर्ण टेस्ट कराना आवश्यक है। जानें कौन से टेस्ट आपके लिए जरूरी हैं और क्यों। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे ये टेस्ट आपकी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं।
 

हार्ट की बीमारियों के लिए आवश्यक टेस्ट

हार्ट की बीमारी के लिए कौन से टेस्ट कराएं

सर्दियों में हार्ट से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। गर्मियों की तुलना में इस मौसम में हार्ट अटैक के मामले अधिक होते हैं। ठंड के कारण नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे दिल पर दबाव बढ़ता है। इस स्थिति में डॉक्टर कुछ महत्वपूर्ण टेस्ट कराने की सलाह देते हैं ताकि दिल की बीमारियों की पहचान समय पर हो सके। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों की शुरुआत में कुछ आवश्यक हार्ट टेस्ट कराना चाहिए।

दिल्ली के अपोलो अस्पताल में कार्डियोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. वरुण बंसल ने कुछ ऐसे टेस्ट बताए हैं जो सर्दियों में कराना आवश्यक हैं।

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट

यह टेस्ट आपके शरीर में लिपिड स्तर की जानकारी देता है। इसके माध्यम से आपको LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल), HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर का पता चलता है। यदि ये मानक से अधिक हैं, तो इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।

ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग (BP टेस्ट)

यह टेस्ट यह दर्शाता है कि दिल कितने दबाव से रक्त पंप कर रहा है। इस मौसम में सर्दी के कारण नसों का सिकुड़ना BP को अचानक बढ़ा सकता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। जिन लोगों का BP उच्च रहता है, उन्हें यह टेस्ट अवश्य कराना चाहिए।

(ECG / Echo) टेस्ट

यह टेस्ट दिल की धड़कन, मांसपेशियों की ताकत, ब्लॉकेज या हार्ट डैमेज के लक्षणों की पहचान करता है। यदि किसी व्यक्ति को सीने में दर्द हो रहा है, तो यह टेस्ट कराना आवश्यक है।

सर्दियों में हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि

डॉ. बंसल के अनुसार, सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं, विशेषकर सुबह 4 से 6 बजे के बीच। इस समय तापमान कम होने से हार्ट की नसों पर असर पड़ता है, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। हर साल सर्दियों में गर्मियों की तुलना में हार्ट अटैक और हार्ट फेल के मामले बढ़ते हैं। इसलिए इनसे बचाव के लिए ये तीन टेस्ट कराना जरूरी है। यदि इनमें कोई समस्या पाई जाती है, तो फैमिली और मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं।

किसे ये टेस्ट कराना चाहिए?

45 वर्ष से अधिक आयु के लोग

हाई बीपी के मरीज

जिन्हें पहले से कोई हार्ट डिजीज हो

जो अधिक धूम्रपान करते हों