सप्त तेल का उपयोग: दादा मदन लाल जी का अद्भुत अनुभव
दादा मदन लाल जी का सप्त तेल का प्रयोग पिछले तीन-चार दशकों से निराश रोगियों के लिए एक प्रभावी उपचार साबित हुआ है। इस लेख में जानें कि कैसे यह तेल का मिश्रण श्वेत कुष्ठ के उपचार में सहायक हो सकता है। आवश्यक सामग्री, बनाने की विधि और उपयोग के तरीके के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।
Nov 23, 2025, 15:57 IST
सप्त तेल का प्रयोग
दादा मदन लाल जी द्वारा प्रस्तुत सप्त तेल का प्रयोग, जो पिछले तीस-चालीस वर्षों से निराश रोगियों के उपचार में उपयोग किया जा रहा है। उनका मानना है कि यदि श्वेत कुष्ठ पुराना हो गया है, तो यह प्रयोग अत्यंत लाभकारी हो सकता है।
आवश्यक सामग्री:
- बावची तेल 10 मिली
- चाल मोगरा तेल 10 मिली
- लौंग तेल 10 मिली
- दालचीनी तेल 10 मिली
- तारपीन तेल 10 मिली
- श्वेत मिर्च का तेल 20 मिली
- नीम तेल 40 मिली
सप्त तेल बनाने की विधि और उपयोग:
- इन सभी तेलों को मिलाकर सुबह और शाम अच्छी तरह से मालिश करें। चाहे श्वेत कुष्ठ कितना भी पुराना क्यों न हो, यह तेल का मिश्रण उसे ठीक कर सकता है। हालांकि, इस प्रक्रिया में चार से सात महीने का समय लग सकता है, इसलिए धैर्य बनाए रखें। यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो इसमें 50 मिली नारियल तेल मिलाया जा सकता है, जिससे इसकी शक्ति थोड़ी कम हो जाएगी।
- स्रोत: स्वदेशी चिकित्सा के चमत्कार, दादा मदन लाल जी का गुरु प्रदत्त अनुभव। ध्यान दें कि यह प्रयोग केवल कुशल वैद्य या आयुर्वेदाचार्य की देखरेख में किया जाना चाहिए।