रात में मच्छरों का काटना: जानें कैसे खोजते हैं इंसानों को
मच्छरों का रात में काटना
जैसे ही रात का अंधेरा छाता है, मच्छर सक्रिय हो जाते हैं और काटने लगते हैं। मच्छरों के काटने से त्वचा पर निशान बन जाते हैं, जिससे कई लोगों की नींद प्रभावित होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अंधेरे में सोते समय मच्छर हमें कैसे खोज लेते हैं? आइए इस प्रश्न का उत्तर जानते हैं।
यह जानना जरूरी है कि केवल मादा मच्छर ही इंसानों का खून चूसती हैं। उन्हें अपने अंडों के विकास के लिए खून की आवश्यकता होती है, जिससे उन्हें प्रोटीन और विटामिन मिलते हैं। मादा मच्छर अपने शरीर में एक प्रकार की शूड जैसी पाइप बनाकर खून चूसती हैं। लेकिन ये मच्छर हमें अंधेरे में कैसे पहचानते हैं?
इसका मुख्य कारण हमारी सांस है। जब हम सांस छोड़ते हैं, तो कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बाहर निकलती है, जो मच्छरों को अपनी ओर आकर्षित करती है। मादा मच्छर 30 फीट की दूरी से भी अपने सेंसिंग ऑर्गन के माध्यम से CO2 का पता लगा लेती हैं और अंधेरे में भी इंसानों के पास पहुंच जाती हैं।
इसके अलावा, मच्छर इंसान के शरीर की गर्मी और गंदगी के कारण भी हमारे पास आते हैं। मादा मच्छर मलेरिया, डेंगू, जीका वायरस और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का प्रसार भी करती हैं। शोध में यह भी पाया गया है कि मच्छर O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की ओर अधिक आकर्षित होते हैं।