×

मुंह से सांस लेने के स्वास्थ्य पर प्रभाव और बचाव के उपाय

क्या आप जानते हैं कि मुंह से सांस लेना आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है? यह आदत न केवल असुविधाजनक होती है, बल्कि इससे फेफड़ों में भी समस्या हो सकती है। जानें इसके लक्षण, कारण और इससे बचने के उपाय। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इस आदत से छुटकारा पा सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
 

मुंह से सांस लेने की आदत

मुंह से सांस लेनाImage Credit source: Getty Images

कई लोग कभी-कभी मुंह से सांस लेते हैं। सामान्यतः, मानव शरीर नाक के माध्यम से सांस लेने के लिए डिज़ाइन किया गया है, लेकिन कुछ स्थितियों में लोग नाक के बजाय मुंह का उपयोग करने लगते हैं। यह तब होता है जब नाक बंद होती है, जैसे कि ज़ुकाम, एलर्जी या साइनस के कारण। कुछ व्यक्तियों में यह आदत बचपन से ही विकसित हो जाती है। जब नाक से हवा का प्रवाह बाधित होता है, तो शरीर मुंह को एक आपात विकल्प के रूप में उपयोग करता है। यदि यह आदत बार-बार होती है, तो यह चिंता का विषय बन सकती है।

मुंह से सांस लेना अगर कभी-कभी होता है, तो यह सामान्य माना जाता है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति दिनभर या रात में सोते समय लगातार मुंह से सांस लेता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके कुछ लक्षण जैसे गला सूखना, जल्दी थकान, मुंह से बदबू आना, नींद में व्यवधान, बच्चों में चेहरे के आकार में बदलाव, और सुबह सिर में भारीपन या दर्द होना शामिल हैं। कई लोग इस आदत के बारे में अनजान रहते हैं। यदि यह समस्या नियमित रूप से बनी रहती है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।


क्या मुंह से सांस लेने से फेफड़ों पर असर पड़ता है?

दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजीत कुमार के अनुसार, मुंह से सांस लेने से फेफड़ों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। नाक एक प्राकृतिक फ़िल्टर के रूप में कार्य करती है, जो हवा को फ़िल्टर करती है, उसे गर्म करती है और नमी प्रदान करती है। लेकिन जब कोई मुंह से सांस लेता है, तो हवा बिना फ़िल्टर, गर्म और नमी के सीधे फेफड़ों में पहुंच जाती है।

इस प्रकार की हवा में धूल, कण और रोगाणु सीधे अंदर चले जाते हैं, जिससे सांस की नलियों में जलन बढ़ सकती है। लंबे समय में, इससे खांसी, गले में खराश, सांस लेने में कठिनाई और बार-बार संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है। जिन लोगों को अस्थमा या एलर्जी की समस्या है, उनके लिए मुंह से सांस लेना और भी अधिक हानिकारक हो सकता है। इसलिए इसे सामान्य आदत मानकर छोड़ देना उचित नहीं है।


कैसे बचाव करें

नाक बंद होने पर गर्म पानी की भाप लेना फायदेमंद हो सकता है।

सोते समय तकिए को थोड़ा ऊंचा रखना चाहिए।

यदि एलर्जी या साइनस की समस्या है, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।

गले को सूखा रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आवश्यक है।