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मिर्गी के दौरे से राहत पाने के उपाय: जानें कैसे एक दिन में हो सकता है इलाज

मिर्गी एक गंभीर तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जिसके दौरे के दौरान रोगी बेहोश हो जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे आनुवंशिकता, सिर में चोट, और मानसिक तनाव। इस लेख में, हम मिर्गी के लक्षण, प्रकार, और इसके इलाज के उपायों पर चर्चा करेंगे। खासकर, हम एक ऐसे उपाय के बारे में बताएंगे, जिससे मिर्गी केवल एक दिन में समाप्त हो सकती है। जानें कैसे इस बीमारी से बचा जा सकता है और इसके प्रति लोगों की गलत धारणाओं को दूर किया जा सकता है।
 

मिर्गी: कारण और लक्षण


मिर्गी के दौरे के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे आनुवंशिकता, सिर में चोट, संक्रमण, मस्तिष्क का ट्यूमर, मानसिक तनाव, आदि। विश्वभर में मिर्गी के मरीजों की संख्या करोड़ों में है, लेकिन अब इसका इलाज संभव है। यह एक तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जिसमें मस्तिष्क की विद्युत गतिविधियों में रुकावट आती है, जिससे शरीर के अंगों में ऐंठन होती है। दौरे के दौरान, रोगी अक्सर बेहोश हो जाता है और उसकी आंखों की पुतलियां उलट जाती हैं। मिर्गी का दौरा पड़ने पर शरीर अकड़ जाता है, जिसे अंग्रेजी में 'सीज़र डिसॉर्डर' कहा जाता है। मुंह में झाग आना इस बीमारी का एक प्रमुख लक्षण है।


मिर्गी के प्रकार

मिर्गी मुख्यतः दो प्रकार की होती है: आंशिक मिर्गी, जो मस्तिष्क के एक हिस्से को प्रभावित करती है, और व्यापक मिर्गी, जो दोनों हिस्सों को प्रभावित करती है। यदि किसी व्यक्ति की बेहोशी दो से तीन मिनट से अधिक समय तक रहती है, तो यह जानलेवा हो सकती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है। कुछ लोग मिर्गी के दौरे के दौरान रोगी को जूता या प्याज सुंघाते हैं, लेकिन इसका इलाज से कोई संबंध नहीं है।


बच्चों में मिर्गी

यदि किसी बच्चे को मिर्गी होती है, तो यह मानसिक कमी का संकेत भी हो सकता है। आमतौर पर, दौरे के दौरान रोगी बेहोश हो जाता है, और यह बेहोशी कुछ सेकंड से लेकर घंटों तक रह सकती है। दौरा समाप्त होने के बाद, मरीज सामान्य स्थिति में लौट आता है। इस बीमारी का पता 3000 साल पहले लगाया गया था, लेकिन इसके प्रति लोगों में कई गलत धारणाएं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इसे भूत-प्रेत का साया समझा जाता है, और लोग झाड़-फूंक करवाने जाते हैं।


मिर्गी के लक्षण

मिर्गी के दौरे के सामान्य लक्षण:


1. चक्कर आकर गिर जाना।


2. अचानक कमजोरी महसूस होना।


3. चिड़चिड़ापन।


4. आंखें ऊपर हो जाना और चेहरा नीला पड़ जाना।


5. हाथ, पैर और चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव।


6. सिर और आंखों की पुतलियों में लगातार मूवमेंट।


7. पूर्ण या आंशिक बेहोशी।


8. पेट में गड़बड़ी।


9. जीभ काटना और असंयम।


10. दौरे के बाद उलझन और थकान।


मिर्गी के कारण

मस्तिष्क का कार्य न्यूरॉन्स के सही सिग्नल पर निर्भर करता है। जब इसमें बाधा आती है, तो मस्तिष्क की गतिविधियों में समस्या उत्पन्न होती है। मिर्गी के दौरे के कुछ सामान्य कारण हैं:


1. तंबाकू, शराब या अन्य नशीली चीजों का सेवन।


2. बिजली का झटका या अत्यधिक तनाव।


3. मस्तिष्क का ट्यूमर या स्ट्रोक।


4. जन्म के समय ऑक्सीजन की कमी।


5. नींद की कमी और अधिक मानसिक या शारीरिक कार्य।


6. मस्तिष्क बुखार और इन्सेफेलाइटिस के संक्रमण।


7. कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता।


8. ड्रग एडिक्शन और एंटी-डिप्रेसेंट का अधिक उपयोग।


9. न्यूरोलॉजिकल बीमारियां जैसे अल्जाइमर।


मिर्गी से बचने का उपाय

आज हम आपको एक ऐसा उपाय बताने जा रहे हैं, जिससे मिर्गी केवल 1 दिन में समाप्त हो सकती है। यह उपाय लकवा (Paralysis) के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है। यदि स्वस्थ व्यक्ति इसे अपनाता है, तो वह जीवन में कभी इन दोनों रोगों का शिकार नहीं होगा। इस चमत्कारी उपाय को जानने के लिए कृपया video ध्यान से देखें। यदि कोई प्रश्न हो, तो नीचे कमेंट करके जानकारी प्राप्त करें। कृपया इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि जो लोग इन रोगों से ग्रसित हैं, वे इसका लाभ उठा सकें।



Note : जो औषधि वीडियो में बताई गई है, वह विशेषकर बबूल के पेड़ या झाड़ियों पर मिलेगी।