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ब्लड प्रेशर की समस्या: घर पर नियमित माप क्यों है आवश्यक?

ब्लड प्रेशर की समस्या एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है, जिसे साइलेंट किलर कहा जाता है। यह जरूरी है कि लोग इसे नियमित रूप से मापें, खासकर घर पर। नए शोध के अनुसार, भारत में कई लोग व्हाइट कोट हाइपरटेंशन और मास्क्ड हाइपरटेंशन से प्रभावित हैं। इस लेख में, हम जानेंगे कि घर पर बीपी मापने का महत्व क्या है, रक्तचाप मापने की सही विधि, और इसे नियंत्रित करने के उपाय। साथ ही, रक्तचाप से जुड़ी कुछ भ्रांतियों पर भी चर्चा की जाएगी।
 

ब्लड प्रेशर की गंभीरता

ब्लड प्रेशर की समस्या स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन सकती है। इसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसके लक्षण अक्सर दिखाई नहीं देते। इसलिए, इसकी नियमित जांच करना अत्यंत आवश्यक है। हालांकि, अधिकांश लोग क्लिनिक में ही अपना बीपी मापते हैं, लेकिन प्रो. नरसिंह वर्मा (इंडियन सोसाइटी आफ हाइपरटेंशन) का कहना है कि घर पर भी रोजाना बीपी मापना बहुत महत्वपूर्ण है।


व्हाइट कोट हाइपरटेंशन

क्या आपने कभी महसूस किया है कि अस्पताल में आपका ब्लड प्रेशर अधिक होता है, जबकि घर पर यह सामान्य रहता है? इसे व्हाइट कोट हाइपरटेंशन कहा जाता है। हृदय रोग विशेषज्ञों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह, होप एशिया नेटवर्क ने नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें क्लिनिक, घर और 24 घंटे की निगरानी को समान महत्व दिया गया है।


गाइडलाइन का महत्व

यह गाइडलाइन 22 देशों के संस्थानों के सहयोग से किए गए शोध के बाद जारी की गई है, जिसमें लखनऊ का किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) भी शामिल है। इस अध्ययन के अनुसार, भारत में 21.1 प्रतिशत लोगों को व्हाइट कोट हाइपरटेंशन है, जबकि 18.9 प्रतिशत को मास्क्ड हाइपरटेंशन की समस्या है। इससे बीपी के गलत आकलन का खतरा बढ़ जाता है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक और हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।


घर पर बीपी मापने का महत्व

बीपी के सही आकलन के लिए क्लिनिक, घर और 24 घंटे की निगरानी से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर इलाज तय किया जाना चाहिए। घर पर सुबह और शाम कम से कम चार दिन बीपी मापना आवश्यक है, जिससे सही दवाओं का चयन किया जा सके।


रक्तचाप मापने की विधि

मापने से पहले पांच मिनट तक शांत बैठें। कुर्सी पर सीधे बैठें, पैर जमीन पर रखें और उन्हें क्रॉस न करें। हाथ दिल की ऊंचाई पर रखें। मापते समय न बोलें और न हिलें। आस्तीन चढ़ाकर मापने से गलत परिणाम आ सकते हैं। सटीकता के लिए एक-दो मिनट के अंतर से दो बार मापें।


रक्तचाप नियंत्रण के उपाय

रक्तचाप की निगरानी के लिए 24 घंटे का ब्लड प्रेशर मापने वाली मशीन का उपयोग करना आवश्यक है। इससे दवाइयों का सही प्रयोग और स्वास्थ्य पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा।



  • दैनिक भोजन में नमक की मात्रा कम करें। पैक्ड खाद्य पदार्थों से बचें।

  • आहार में ताजे फल, सब्जियां, दालें, जई, बाजरा, ज्वार, राजमा, चना, बादाम, अखरोट और सलाद शामिल करें।

  • प्रतिदिन 30 मिनट तेज चलने का प्रयास करें, योग और प्राणायाम करें।

  • धूम्रपान, तंबाकू और शराब से दूर रहें।

  • तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें।


रक्तचाप से जुड़ी भ्रांतियां


  • केवल बुजुर्गों को होता है: यह गलत है। आधुनिक जीवनशैली, तनाव और मोटापे के कारण युवा भी प्रभावित हो रहे हैं।

  • यह कोई बीमारी नहीं: अत्यधिक कम रक्तचाप भी चक्कर, कमजोरी और बेहोशी का कारण बन सकता है।

  • इसकी दवा कभी बंद नहीं होती: यह भ्रांति है। यदि व्यक्ति नमक कम करे, व्यायाम करे, वजन कम करे और तनाव नियंत्रित रखे, तो रक्तचाप स्थिर हो सकता है।