बदलते मौसम में बच्चों की खांसी: सिरप की पहचान और टीकाकरण के लाभ
बदलते मौसम का बच्चों पर प्रभाव
मौसम बदलते ही बढ़ता खांसी-कफ का खतराImage Credit source: Getty Images
जब मौसम में बदलाव होता है, तो छोटे बच्चों में खांसी और कफ का खतरा बढ़ जाता है। अचानक ठंड, नमी या धूल-पॉलन से उनके रेस्पिरेट्री सिस्टम पर असर पड़ता है, जिससे वायरस या बैक्टीरिया आसानी से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। बच्चों में खांसी मुख्यतः दो प्रकार की होती है: सूखी खांसी, जिसमें बलगम नहीं होता और गले में खराश होती है, और गीली खांसी, जिसमें बलगम बनता है और कफ के रूप में बाहर निकलता है। कफ या बलगम शरीर की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है, जो गले और फेफड़ों से म्यूकस और संक्रमण को बाहर निकालने में मदद करती है। जब बच्चे को कफ होता है, तो अक्सर माता-पिता सिरप देने का निर्णय लेते हैं, लेकिन यह कितना उचित है, इस पर दिल्ली एम्स के पीडियाट्रिक विभाग के डॉ. हिमांशु बदानी ने अपनी राय दी है।
सिरप देने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
डॉ. बदानी के अनुसार, कई माता-पिता खांसी के मामले में तुरंत सिरप देने लगते हैं, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। विशेष रूप से, दो साल से छोटे बच्चों को सिरप नहीं देना चाहिए। छोटे बच्चों का शरीर दवाओं को सही तरीके से मेटाबॉलाइज नहीं कर पाता, जिससे उन्हें सुस्ती, उल्टी, एलर्जी और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ सिरप में अल्कोहल या डेक्स्ट्रोमेथोर्फ़न जैसे तत्व होते हैं, जो छोटे बच्चों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसके अलावा, सिरप केवल खांसी को कम करता है, बीमारी की जड़ को नहीं। इसलिए, डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है ताकि दवा सही मात्रा में और सही समय पर दी जा सके।
कफ सिरप की पहचान कैसे करें?
डॉ. हिमांशु बताते हैं कि बाजार में नकली कफ सिरप भी उपलब्ध हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। असली सिरप की पहचान के लिए पैकेजिंग पर Mfg/Expiry डेट, Batch नंबर, FSSAI या DCGI सर्टिफ़िकेशन देखना चाहिए। सिरप की बोतल और लेबल साफ और बिना धब्बे के होने चाहिए। कभी भी अनजान या ऑफलाइन थोक दुकानों से खरीदे गए सस्ते सिरप पर भरोसा न करें। हमेशा डॉक्टर की सलाह या भरोसेमंद वेबसाइट के अनुसार ही सिरप लें। नकली सिरप बच्चों में उल्टी, एलर्जी या गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
टीकाकरण का महत्व
डॉ. हिमांशु के अनुसार, टीकाकरण बच्चों को खांसी, फ्लू और अन्य रेस्पिरेट्री संक्रमणों से बचाने में मदद करता है। जैसे दिमागी खांसी (Pertussis), फ्लू और Pneumococcal संक्रमण के लिए बच्चों को समय पर वैक्सीन दी जाती है। टीका बच्चों की इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है और संक्रमण होने पर भी बीमारी हल्की रहती है। हालांकि, टीका हर प्रकार की खांसी को रोक नहीं सकता, लेकिन गंभीर बीमारियों और अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को काफी कम कर देता है। इसलिए माता-पिता को बच्चों का वैक्सीनेशन पूरा करवाना चाहिए और डॉक्टर की सलाह के अनुसार समय पर बूस्टर डोज लेना चाहिए।