फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए घरेलू उपाय: हल्दी, तुलसी और मुलेठी का लाभ
फेफड़ों की देखभाल के लिए उपाय
फेफड़े हमारे शरीर में ऑक्सीजन के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं, जो हर मिनट हजारों लीटर हवा को शुद्ध करते हैं। लेकिन जब हम प्रदूषित वातावरण में रहते हैं और पर्याप्त पानी नहीं पीते, तो हमारे फेफड़ों में कफ, बलगम और विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं। यह समस्या उन लोगों में अधिक होती है जो धूम्रपान करते हैं या लंबे समय तक बंद स्थानों में रहते हैं। इसके परिणामस्वरूप सांस लेने में कठिनाई, थकान और बार-बार खांसी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर हो जाती है।
हल्दी वाला दूध एक प्रभावी उपाय है। यदि आप इस तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो हल्दी और गर्म दूध का सेवन आपके फेफड़ों को डिटॉक्स करने में मदद कर सकता है। हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो फेफड़ों में सूजन और बलगम को कम करता है। सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से फेफड़ों को आराम मिलता है। इसके अलावा, अदरक और शहद का मिश्रण भी बलगम को ढीला करने में सहायक होता है, जिससे कफ बाहर निकलने में मदद मिलती है।
यदि आपको छाती में जकड़न महसूस होती है, तो तुलसी की भाप लेना फायदेमंद हो सकता है। तुलसी की सुगंध और गुण छाती में जकड़न से राहत दिलाने में मदद करते हैं। गुड़ और सौंफ का मिश्रण भी पाचन और सांस को हल्का करने में सहायक होता है। यह उपाय उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो कम पानी पीते हैं और लंबे समय तक बैठे रहते हैं।
गिलोय का काढ़ा पीने से फेफड़ों की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार हो सकता है। अजवाइन की भाप लेने से भी कफ को ढीला करने में मदद मिलती है, जो छाती की जकड़न से राहत दिला सकता है। सुबह खाली पेट नींबू का पानी पीने से फेफड़ों की झिल्ली मजबूत होती है, जो धूम्रपान छोड़ने वालों के लिए फायदेमंद है। इसके साथ ही, मुलेठी के चूर्ण का उपयोग गले की खराश, खांसी और सांस अटकने की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है.