पेशाब में झाग: जानें इसके कारण और उपाय
पेशाब में झाग का महत्व
पेशाब का महत्व: पेशाब, जिसे यूरिन भी कहा जाता है, शरीर का अपशिष्ट उत्पाद है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह आपके स्वास्थ्य के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है। विशेष रूप से, पेशाब में झाग आने पर इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता शाह ने इस विषय पर अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा की है। उन्होंने बताया है कि यदि पेशाब करते समय झाग या बुलबुले दिखाई देते हैं, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
पेशाब में झाग आने के कारण:
श्वेता शाह के अनुसार, कभी-कभी पेशाब में झाग आना सामान्य हो सकता है, जैसे कि तेज प्रवाह के कारण। लेकिन यदि यह समस्या बार-बार होती है, तो इसके पीछे कुछ गंभीर कारण हो सकते हैं।
प्रोटीन का रिसाव:
जब किडनी ठीक से कार्य नहीं करती, तो यूरिन में प्रोटीन का रिसाव होता है, जिससे झाग बनता है।
डिहाइड्रेशन:
पानी की कमी से पेशाब गाढ़ा हो जाता है, जिससे झागदार दिखाई दे सकता है।
यूटीआई या अन्य संक्रमण:
यूटीआई जैसे संक्रमण भी पेशाब में झाग का कारण बन सकते हैं।
क्या करें जब झाग दिखाई दे:
यदि आपको पेशाब में झाग दिखाई दे रहा है, तो कुछ प्राकृतिक उपाय अपनाकर किडनी को मजबूत किया जा सकता है।
ऑयल पुलिंग:
सुबह खाली पेट 1 चम्मच तिल का तेल मुंह में लेकर 5-10 मिनट तक घुमाएं और फिर कुल्ला कर लें। यह मुंह की सफाई के साथ-साथ शरीर को डीटॉक्स करने में मदद करता है।
हाइड्रेशन:
दिन में 8-10 गिलास पानी पिएं। सुबह उठते ही एक गिलास पानी में एक चुटकी सेंधा नमक या नींबू की कुछ बूंदें मिलाकर पीने से किडनी का कार्य बेहतर होता है।
धनिये का पानी:
किडनी की सेहत के लिए धनिये का पानी फायदेमंद है। 1 चम्मच साबुत धनिये को रातभर पानी में भिगोकर सुबह छानकर पीएं।
नारियल पानी:
नारियल पानी प्राकृतिक मूत्रवर्धक है, जो किडनी को पोषण देता है। इसे अपनी डाइट में शामिल करें।
जौ का पानी:
जौ के पानी का सेवन किडनी के कार्य में सुधार लाता है। 1 चम्मच जौ को 2 कप पानी में उबालकर दिन में 1-2 बार पिएं।
त्रिफला चूर्ण:
रात को सोने से पहले आधा चम्मच त्रिफला गर्म पानी के साथ लें। यह पाचन में सुधार करता है।
प्राणायाम:
सुबह 3 मिनट शीतली या शीतकारी प्राणायाम करें। यह मूत्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
श्वेता शाह ने चेतावनी दी है कि पेशाब में झाग को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह किडनी की खराब कार्यक्षमता का संकेत हो सकता है। यदि उपाय करने के बाद भी समस्या बनी रहती है, तो स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें।