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पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर: बढ़ते मामलों के पीछे के कारण और सावधानियाँ

एम्स भोपाल के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पहले 100 महिलाओं में से एक पुरुष को यह बीमारी होती थी, लेकिन अब यह अनुपात 4 पर पहुँच गया है। हॉर्मोनल असंतुलन, मोटापा और अस्वस्थ खानपान इसके प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह समस्या केवल वयस्क पुरुषों में ही नहीं, बल्कि बच्चों में भी देखी जा रही है। जानें इसके लक्षण और सावधानियाँ।
 

ब्रेस्ट कैंसर का बढ़ता खतरा


एम्स भोपाल के कैंसर विभाग द्वारा एकत्रित आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ है कि अब पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पहले 100 महिलाओं में से केवल एक पुरुष को यह बीमारी होती थी, लेकिन अब यह अनुपात 4 पर पहुँच गया है। चिकित्सकों का मानना है कि हॉर्मोनल असंतुलन, मोटापा, अस्वस्थ खानपान और धूम्रपान इसके प्रमुख कारण हैं। हालांकि, यह डेटा राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित आंकड़ों से पुष्टि नहीं हो पाया है, लेकिन चिकित्सकों के अनुभव से यह जानकारी मिली है।


AIIMS के विशेषज्ञों के अनुसार, पुरुषों में ब्रेस्ट टिशू की मात्रा कम होती है, जिससे गांठों की पहचान में कठिनाई होती है, और इस कारण कैंसर का पता लगाने में देरी हो सकती है। डॉ. माधवानंद कार के अनुसार, खराब जीवनशैली के कारण पुरुषों में हार्मोन का संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ रहा है और छाती में गांठें बन रही हैं।


चिंताजनक बात यह है कि यह समस्या केवल वयस्क पुरुषों में ही नहीं, बल्कि बच्चों में भी देखी जा रही है। बढ़ता मोटापा भी इस समस्या का एक कारण है, क्योंकि यह एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।


खराब खानपान और हार्मोनल असंतुलन

खराब खानपान बिगाड़ रहा हार्मोन का बैलेंस


डॉ. कार का कहना है कि इस हार्मोनल बदलाव का मुख्य कारण अस्वस्थ खानपान और फास्ट फूड है। कई बच्चे फास्ट फूड पर निर्भर रहते हैं, खासकर जब माता-पिता दोनों कामकाजी होते हैं। युवा भी घर से दूर रहकर ऐसे भोजन का सेवन करते हैं। ये खाद्य पदार्थ स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। इनमें अक्सर स्वाद बढ़ाने वाले रसायन होते हैं, जो हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ देते हैं।


केमिकल का खतरा

केमिकल एक बड़ा खतरा


डॉ. कार का कहना है कि अब फलों में भी रसायनों का उपयोग किया जा रहा है। खेती में रसायनों का प्रयोग किया जाता है और मुर्गियों को तेजी से बढ़ने के लिए स्टेरॉयड दिए जाते हैं। जब कोई व्यक्ति चिकन का सेवन करता है, तो ये रसायन उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे हार्मोनल असंतुलन बढ़ता है। इससे न केवल गाइनेकोमास्टिया होता है, बल्कि पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।


लक्षणों पर ध्यान दें

पुरुष भी इन लक्षणों पर ध्यान दें


छाती के पास नई गांठ


त्वचा में परिवर्तन


निपल में बदलाव


बगल के पास सूजन