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पीरियड्स के दौरान दर्द: जानें इसके कारण और उपाय

महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दर्द का अनुभव होना आम है, लेकिन कुछ को यह दर्द अधिक तीव्र और लंबे समय तक बना रहता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि यह दर्द क्यों होता है, इसके संभावित कारण क्या हैं, और कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही, पीरियड्स के दौरान राहत पाने के लिए कुछ उपयोगी सुझाव भी दिए गए हैं।
 

पीरियड्स में दर्द का कारण


महिलाओं को मेनोपॉज से पहले हर महीने पीरियड्स का सामना करना पड़ता है, जिसमें दर्द, ऐंठन, मूड में बदलाव और थकान जैसी समस्याएं होती हैं। हालांकि, कुछ महिलाओं को इस दौरान अत्यधिक दर्द का अनुभव होता है, जो कई दिनों तक बना रह सकता है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में डिसमेनोरिया कहा जाता है। आइए जानते हैं इसके कारण और क्या यह खतरनाक हो सकता है।


दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल में महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सलोनी चड्ढा के अनुसार, पीरियड्स के प्रारंभ में हर महिला को दर्द का अनुभव होता है, जो हल्का या तेज हो सकता है। कुछ महिलाओं में यह दर्द कई दिनों तक बना रह सकता है। इसका मुख्य कारण यह है कि पीरियड्स के दौरान शरीर में प्रोस्टाग्लैंडिन हार्मोन का निर्माण होता है। जब यह हार्मोन अधिक मात्रा में बनता है, तो इससे यूट्रस की मांसपेशियों में अधिक सिकुड़न होती है, जिससे दर्द बढ़ता है।


डॉ. सलोनी ने बताया कि जिन महिलाओं को फाइब्रॉएड्स या सिस्ट की समस्या होती है, उन्हें भी पीरियड्स के दौरान अधिक दर्द का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, मानसिक तनाव के कारण बढ़ने वाला कॉर्टिसोल हार्मोन भी दर्द को बढ़ा सकता है।


गंभीर लक्षणों पर ध्यान दें

डॉ. सलोनी के अनुसार, पीरियड्स के दौरान एक-दो दिन तक अधिक दर्द होना सामान्य है। लेकिन यदि दर्द लंबे समय तक बना रहता है और दैनिक कार्यों में बाधा डालता है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है। यदि दर्द के साथ भारी ब्लीडिंग, उल्टी, बुखार या चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।


पीरियड्स के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

पीरियड्स के दौरान गुनगुने पानी का सेवन करें।


पेट पर हीटिंग पैड का उपयोग करें।


अपने आहार में हरी सब्जियां और फल शामिल करें।


प्रत्येक दिन पर्याप्त नींद लें।


मानसिक तनाव से बचें।