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नींद का महत्व: हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव और सावधानियाँ

नींद का हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है, विशेषकर हृदय स्वास्थ्य पर। हालिया शोध से पता चला है कि रात 10 से 11 बजे के बीच सोने वाले लोग दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम से कम प्रभावित होते हैं। इस लेख में, हम नींद के महत्व, शोध के निष्कर्ष और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कुछ उपयोगी उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे सही नींद से आप गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
 

नींद और स्वास्थ्य का संबंध


पर्याप्त नींद न केवल शरीर और मन को तरोताजा करती है, बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों, जैसे दिल का दौरा और स्ट्रोक से भी सुरक्षा प्रदान करती है। हालाँकि, आजकल मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग के कारण लोग रात में देर तक जागते हैं, जिससे नींद की आदतें प्रभावित होती हैं और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं कि हालिया शोध ने क्या खुलासा किया है और यह हृदय स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है।


शोध के निष्कर्ष

शोध में क्या पाया गया

यूरोपीय हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग रात 10 बजे से 11 बजे के बीच सोते हैं, उनमें दिल के दौरे और स्ट्रोक का जोखिम सबसे कम होता है। इसे "स्वर्णिम घंटा" कहा जाता है।

शोध ने यह भी बताया कि नींद का स्वास्थ्य पर प्रभाव व्यायाम और संतुलित आहार के समान होता है। रात में देर तक काम करना या जागना शरीर की प्राकृतिक घड़ी, सर्केडियन रिदम को बाधित करता है। यह घड़ी हृदय की धड़कन, रक्तचाप और हार्मोनल संतुलन को नियंत्रित करती है। यदि यह बिगड़ती है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव हृदय और मस्तिष्क दोनों पर पड़ता है।


शोध में भाग लेने वाले

इस अध्ययन में 43 से 74 वर्ष के लोगों को शामिल किया गया। प्रतिभागियों को उनकी नींद की आदतों की निगरानी के लिए एक विशेष ट्रैकिंग डिवाइस लगाया गया। यह अध्ययन लगभग 5.7 वर्षों तक चला और नींद और हृदय रोग के जोखिम के बीच संबंध को स्पष्ट किया।


शोध के परिणाम

# शोध के परिणाम

जो लोग रात 10:00 से 10:59 बजे के बीच सोते हैं, उनमें हृदय समस्याओं का जोखिम सबसे कम होता है।

जो लोग 11:00 से 11:59 बजे के बीच सोते हैं, उनमें हृदय रोग का जोखिम लगभग 12% बढ़ जाता है।

जो लोग रात 12:00 बजे के बाद सोते हैं, उनमें दिल के दौरे और स्ट्रोक का जोखिम 25% बढ़ जाता है।

दिलचस्प बात यह है कि जो लोग 10 बजे से पहले सोते हैं, उनमें भी लगभग 24% का जोखिम बढ़ जाता है।

अध्ययन में यह भी पाया गया कि महिलाएं नींद के पैटर्न से पुरुषों की तुलना में अधिक प्रभावित होती हैं, क्योंकि नींद का उनके हार्मोनल चक्र और जैविक घड़ी पर अधिक प्रभाव पड़ता है।


रोकथाम के उपाय

# रोकथाम के उपाय

समय पर सोएं: हर दिन लगभग एक ही समय पर सोने और जागने की आदत बनाएं।

डिजिटल डिटॉक्स: सोने से पहले मोबाइल फोन, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग कम करें।

हल्का और समय पर रात का खाना: नींद में बाधा से बचने के लिए हल्का और समय पर रात का खाना खाएं।

विश्राम तकनीकों का उपयोग करें: ध्यान या हल्का स्ट्रेचिंग नींद में सुधार करने में मदद कर सकता है।

सही समय पर पर्याप्त नींद लेना न केवल आपको दिनभर ऊर्जावान रखेगा, बल्कि दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को भी कम करेगा।