दिल की बीमारी के लिए आवश्यक परीक्षण: जानें कैसे करें पहचान
दिल की बीमारी के लिए कौन से परीक्षण जरूरी हैं?
आज के बदलते जीवनशैली में, दिल की बीमारी एक गंभीर समस्या बन गई है, जो केवल बुजुर्गों को ही नहीं, बल्कि युवाओं को भी प्रभावित कर रही है। दिल के दौरे का मुख्य कारण हृदय की धमनियों में वसा का जमाव है, जो रक्त प्रवाह को बाधित करता है। अक्सर, लोग दिल की बीमारी के प्रारंभिक लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो जाती है।
हालांकि, कुछ आवश्यक परीक्षणों के माध्यम से हम दिल की सेहत का पता लगा सकते हैं और समय पर दिल के दौरे के जोखिम की पहचान कर सकते हैं। ये परीक्षण दिल की सेहत की 'रिपोर्ट' के समान होते हैं, जो हमें बताते हैं कि हमारा दिल कितना स्वस्थ है। इस लेख में हम 6 महत्वपूर्ण परीक्षणों के बारे में जानेंगे, जो दिल से संबंधित बीमारियों के जोखिम को पहले से बता सकते हैं और आपकी दिल की सेहत की रक्षा कर सकते हैं।
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG)
ECG दिल की सेहत का पहला और बुनियादी परीक्षण है। यह दिल की धड़कन और विद्युत गतिविधि को रिकॉर्ड करता है। यदि आपकी धड़कन अनियमित है, तो इसे ECG से पता लगाया जा सकता है। यह परीक्षण दिल के दौरे के दौरान या बाद में होने वाले नुकसान का पता लगाने में भी मदद करता है।
2D इकोकार्डियोग्राफी (2D ECHO)
यह एक प्रकार का अल्ट्रासाउंड परीक्षण है जो दिल की संरचना और कार्य को दिखाता है। 2D ECHO का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि क्या दिल के वाल्व और कक्ष सही तरीके से काम कर रहे हैं। यह दिल की पंपिंग क्षमता और किसी भी संरचनात्मक असामान्यताओं की पहचान करने में बहुत सहायक है।
ट्रेडमिल परीक्षण (TMT)
ट्रेडमिल परीक्षण, जिसे तनाव परीक्षण भी कहा जाता है, यह मापता है कि आपका दिल शारीरिक तनाव के तहत कैसे प्रदर्शन करता है। इस परीक्षण में, आपको ट्रेडमिल पर चलना होता है, जिसकी गति और ढलान धीरे-धीरे बढ़ाई जाती है, जबकि डॉक्टर आपके ECG और रक्तचाप की निगरानी करते हैं। यह उन छिपे हुए दिल की समस्याओं को उजागर कर सकता है जो आराम की स्थिति में दिखाई नहीं देती हैं।
दिल के बायोमार्कर
जब दिल को नुकसान होता है, तो कुछ प्रोटीन और एंजाइम रक्त में रिलीज होने लगते हैं। ट्रोपोनिन और क्रिएटिन काइनज (CK-MB) जैसे बायोमार्कर के उच्च स्तर यह संकेत देते हैं कि दिल की मांसपेशी को नुकसान हुआ है। यह परीक्षण दिल के दौरे के बाद बार-बार किया जाता है ताकि नुकसान की गंभीरता का पता लगाया जा सके।
सूजन के मार्कर
शरीर में सूजन भी दिल की बीमारी का एक प्रमुख कारण है। C-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) जैसे सूजन के मार्करों के उच्च स्तर यह संकेत देते हैं कि शरीर में कहीं सूजन है, जो दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ा सकता है। यह परीक्षण दिल की बीमारी के जोखिम का आकलन करने में मदद करता है।
लिपिड प्रोफाइल और रक्त शर्करा
ये दोनों परीक्षण दिल की सेहत से सीधे संबंधित हैं। लिपिड प्रोफाइल (कोलेस्ट्रॉल) यह बताता है कि शरीर में अच्छे और बुरे कोलेस्ट्रॉल का स्तर क्या है। रक्त शर्करा (ग्लूकोज) परीक्षण मधुमेह का पता लगाता है, जो दिल की बीमारी का एक प्रमुख जोखिम कारक है। इन दोनों का सही स्तर बनाए रखना दिल को स्वस्थ रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इन सभी परीक्षणों को कराने से पहले, अपने डॉक्टर से एक बार अवश्य परामर्श करें और परीक्षण रिपोर्ट को केवल डॉक्टर को दिखाएं।
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