थायराइड प्रबंधन के लिए 3 महत्वपूर्ण जीवनशैली परिवर्तन
थायराइड और इसके प्रभाव
आजकल की खराब जीवनशैली के कारण कई लोग समय से पहले ही विभिन्न बीमारियों का सामना कर रहे हैं। शारीरिक गतिविधियों की कमी और जंक फूड का अधिक सेवन मोटापा, कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप और थायराइड जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे रहा है। भारत में मोटापे के साथ-साथ थायराइड भी एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता बन गया है।
थायराइड क्या है?
थायराइड रोग एक ऐसी स्थिति है जो आपके थायराइड ग्रंथि द्वारा हार्मोन का सही मात्रा में उत्पादन करने में बाधा डालती है। यह स्थिति आपके मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा स्तर और हार्मोन संतुलन पर प्रभाव डालती है। कई लोग सोचते हैं कि वे अपनी जीवनशैली में बदलाव करके दवाओं से छुटकारा पा सकते हैं, लेकिन वास्तव में, दवा बंद करने का निर्णय केवल डॉक्टर ही ले सकते हैं।
हालांकि, कुछ आवश्यक जीवनशैली में बदलाव आपके थायराइड प्रबंधन को आसान बना सकते हैं और इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं तीन ऐसे बदलाव जो आपको बेहतर परिणाम दे सकते हैं।
नियमित व्यायाम और योग
नियमित व्यायाम और योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि थायराइड के कार्य को भी सुधारते हैं। ये थकान, मांसपेशियों की कमजोरी और मूड स्विंग जैसे लक्षणों से राहत दिलाने में सहायक होते हैं। रोजाना मत्स्यासन और शोल्डर स्टैंड जैसे योगासन आपके थायराइड क्षेत्र में रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं, जिससे ग्रंथि को समर्थन मिलता है। इसके अलावा, 20 से 30 मिनट की वॉक या स्ट्रेचिंग भी लाभकारी हो सकती है।
सही और आयोडीन युक्त आहार
थायराइड ग्रंथि के सही कार्य के लिए आयोडीन युक्त आहार आवश्यक है। अपने आहार में समुद्री भोजन, अंडे, लहसुन और मशरूम शामिल करें, क्योंकि ये खाद्य पदार्थ थायराइड हार्मोन के उत्पादन में सहायता करते हैं।
तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें
अधिक तनाव लेने से आपके शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे थायराइड की समस्या और बढ़ सकती है। तनाव कम करने के लिए गहरी सांसें लेना, ध्यान करना, ताई ची और हल्का योग करना शुरू करें, जिससे आपके हार्मोन सिस्टम को संतुलित करने में मदद मिलेगी। साथ ही, रोजाना 7 से 8 घंटे की गहरी नींद आपके शरीर की हीलिंग प्रक्रिया में सहायक होती है।