थायराइड की समस्या: कारण, लक्षण और घरेलू उपचार
थायराइड की समस्या का परिचय
आज के समय में थायराइड एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गई है। यह ग्रंथि गर्दन के सामने और स्वर तंत्र के दोनों ओर स्थित होती है, और इसका आकार तितली जैसा होता है।
थायराइड ग्रंथि से थायरोक्सिन हार्मोन का स्राव होता है। जब इस हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है, तो शरीर में कई प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
यदि थायरोक्सिन हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है, तो मेटाबोलिज्म तेज हो जाता है, जिससे शरीर की ऊर्जा जल्दी समाप्त हो जाती है। इसके विपरीत, जब इसकी मात्रा बढ़ जाती है, तो मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे व्यक्ति सुस्त महसूस करता है।
यह समस्या किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। बच्चों में थायराइड की समस्या से उनकी लंबाई प्रभावित होती है, जबकि महिलाओं पर इसका प्रभाव अधिक स्पष्ट होता है।
थायराइड की समस्या से बचने के लिए आपको कुछ घरेलू उपाय अपनाने की आवश्यकता है।
थायराइड के प्रकार और लक्षण
थायराइड के प्रकार: थायराइड से जुड़ी आम समस्याओं में हाइपोथायराइडिज्म, हाइपरथायराइडिज्म, आयोडीन की कमी से होने वाले विकार जैसे गॉयटर, हाशिमोटो थायराइडिटिस और थायराइड कैंसर शामिल हैं।
थायराइड के लक्षण: थायराइड की समस्या के लक्षणों में प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना, थकावट, बालों का झड़ना, कब्ज, त्वचा का रूखापन, हाथ-पैरों का ठंडा रहना, और वजन में अचानक बदलाव शामिल हैं।
थायराइड के कारण
थायराइड की समस्या के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अत्यधिक तनाव, धूम्रपान, सोया का सेवन, डॉक्टर की सलाह की अनदेखी, कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन न करना, ग्लूटेन युक्त आहार, और शुगर का नियंत्रण न रखना।
थायराइड के घरेलू उपचार
निर्गुण्डी: निर्गुण्डी के पत्तों का रस 14 से 28 मिलीलीटर दिन में 3 बार लेने से थायराइड में राहत मिलती है।
लाल प्याज: रात को सोने से पहले लाल प्याज को गर्दन पर रगड़ने से भी लाभ होता है।
हाइपोथायराइड के लिए: आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे सी फूड, मछली, अंडे, और टमाटर का सेवन करें।
हाइपरथायराइड के लिए: हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज, और हर्बल चाय का सेवन फायदेमंद होता है।