×

डायबिटीज में कार्बोहाइड्रेट्स का महत्व और नियंत्रण के उपाय

डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है। इस लेख में, हम कार्बोहाइड्रेट्स के महत्व और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे तनाव, नींद की कमी और निष्क्रिय जीवनशैली रक्त शर्करा को प्रभावित कर सकती है। इसके साथ ही, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए आवश्यक सुझाव भी दिए गए हैं।
 

डायबिटीज और कार्बोहाइड्रेट्स का संबंध


डायबिटीज में कार्बोहाइड्रेट्स का महत्व: हमारे देश की एक बड़ी जनसंख्या डायबिटीज से ग्रस्त है, जो हमारे शरीर को आंतरिक रूप से कमजोर करती है। 2023 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 101 मिलियन से अधिक लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं, जबकि लगभग 136 मिलियन लोग प्री-डायबिटीज से पीड़ित हैं, जो भविष्य में डायबिटीज के विकास के लिए उच्च जोखिम में हैं।

इस बीमारी के बारे में, लोगों का मानना है कि रक्त शर्करा का स्तर केवल मीठे खाद्य पदार्थ खाने से बढ़ता है, लेकिन यह एक बड़ी गलतफहमी है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ अन्य खाद्य पदार्थ और जीवनशैली की आदतें भी रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ा सकती हैं। यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है। आइए इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।


कार्बोहाइड्रेट्स का मुख्य स्रोत

कार्बोहाइड्रेट्स रक्त शर्करा का मुख्य स्रोत हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, कार्बोहाइड्रेट्स हमारे शरीर में रक्त शर्करा का एक प्रमुख स्रोत हैं। गेहूं, चावल, आलू, ब्रेड और पास्ता जैसे खाद्य पदार्थ कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर होते हैं। जब हम इन खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, तो हमारा शरीर इन्हें तोड़कर ग्लूकोज में बदल देता है।

यह ग्लूकोज रक्तप्रवाह में प्रवेश करता है और रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता है। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को इन खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करने की सलाह दी जाती है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि केवल चीनी से बचना पर्याप्त नहीं है; आपके आहार में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा पर भी ध्यान देना आवश्यक है।


तनाव और रक्त शर्करा का संबंध

तनाव और रक्त शर्करा का संबंध

हम अक्सर तनाव को हल्के में लेते हैं, लेकिन यह डायबिटीज के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करता है। जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालिन जैसे हार्मोन का उत्पादन होता है, जो इंसुलिन की प्रभावशीलता को कम कर देते हैं। इससे रक्त शर्करा का स्तर तेजी से बढ़ सकता है।

इसलिए, केवल यह ध्यान रखना पर्याप्त नहीं है कि हम क्या खाते और पीते हैं, बल्कि मानसिक शांति बनाए रखना भी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण है।


नींद की कमी और निष्क्रिय जीवनशैली

नींद की कमी और निष्क्रिय जीवनशैली

आजकल की व्यस्त जीवनशैली में नींद की कमी एक सामान्य समस्या है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपर्याप्त नींद भी आपके रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकती है? रात में कम सोने से शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता कम हो जाती है, जिससे कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कम प्रतिक्रिया देती हैं। यही कारण है कि रक्त शर्करा का स्तर बढ़ता है।

इसी तरह, निष्क्रिय जीवनशैली भी एक बड़ा कारण है। शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण, शरीर की कोशिकाएं ग्लूकोज का सही उपयोग नहीं कर पाती हैं, जिससे रक्त शर्करा बढ़ता है। नियमित व्यायाम और चलना रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने में मदद करता है।


अन्य कारण और महत्वपूर्ण सावधानियाँ

अन्य कारण और महत्वपूर्ण सावधानियाँ

इन सबके अलावा, कुछ अन्य कारण भी हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, निर्जलीकरण के कारण रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। कुछ बीमारियाँ, जैसे सर्दी या फ्लू, भी शरीर में शर्करा के स्तर को बढ़ा सकती हैं। कुछ दवाएं, जैसे स्टेरॉयड, भी रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं।

इन सभी जोखिमों को कम करने के लिए, नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श करें, अपने आहार का ध्यान रखें, पर्याप्त नींद लें, तनाव से बचें, और अपने जीवनशैली में शारीरिक गतिविधि को शामिल करें। केवल चीनी से बचना पर्याप्त नहीं है, बल्कि डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए समग्र जीवनशैली में बदलाव आवश्यक हैं।

PC सोशल मीडिया