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डायबिटीज प्रबंधन: स्वस्थ जीवनशैली के महत्व पर ध्यान दें

डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो तेजी से बढ़ रही है। इसे नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली का सही होना आवश्यक है। भारत में लाखों लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि उचित आहार और नियमित व्यायाम से रक्त शर्करा को नियंत्रित किया जा सकता है। इस लेख में जानें कि कैसे स्वस्थ आदतें अपनाकर आप डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकते हैं।
 

डायबिटीज की बढ़ती समस्या

नई दिल्ली: डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ रही है। इसे नियंत्रित करने में जीवनशैली का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यदि किसी व्यक्ति की जीवनशैली संतुलित है, तो उसका रक्त शर्करा स्तर सामान्य रह सकता है। भारत में, लगभग 2.5 करोड़ लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।


डायबिटीज और आहार

विशेषज्ञों का मानना है कि डायबिटीज के मरीजों को उचित आहार का पालन करना आवश्यक है, अन्यथा उन्हें कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है। स्वस्थ रहने के लिए सूखे मेवे खाना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन सभी सूखे मेवे डायबिटीज के लिए उपयुक्त नहीं होते। कुछ सूखे मेवे रक्त शर्करा को बढ़ा सकते हैं।


डायबिटीज के प्रभाव

हालांकि डायबिटीज मुख्य रूप से रक्त में ग्लूकोज के स्तर को बढ़ाने वाली समस्या है, लेकिन इसका प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ सकता है। किडनी, आंखों, लिवर और प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ी समस्याएं डायबिटीज के रोगियों में आम हैं। इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए दवाइयां और इंसुलिन के इंजेक्शन दिए जाते हैं।


इंसुलिन का महत्व

गंभीर और अनियंत्रित रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन के इंजेक्शन की आवश्यकता होती है। डायबिटीज के रोगियों में इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन प्रभावित होता है, जिससे इसकी कमी को पूरा करने के लिए इंसुलिन के शॉट्स की आवश्यकता होती है। हालांकि, कुछ अध्ययनों में लंबे समय तक इंसुलिन के उपयोग के संभावित नुकसान भी बताए गए हैं।


विश्व डायबिटीज दिवस

हर साल 14 नवंबर को विश्व डायबिटीज दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के खतरे और इससे बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करना है। चिकित्सकों का कहना है कि सही जीवनशैली अपनाकर इंसुलिन के बिना भी डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है।


इंसुलिन का कार्य

इंसुलिन रक्त शर्करा को शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है, जिससे इसे ऊर्जा के रूप में उपयोग किया जा सके। यह लिवर को रक्त शर्करा को संग्रहित करने के लिए भी संकेत देता है, ताकि इसे बाद में इस्तेमाल किया जा सके। डायबिटीज के रोगियों में इस हार्मोन का उत्पादन प्रभावित होता है, इसलिए बाहरी इंसुलिन के इंजेक्शन की आवश्यकता होती है।


जीवनशैली में सुधार

डायबिटीज से प्रभावित व्यक्तियों को ऐसी जीवनशैली अपनाने की सलाह दी जाती है जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करे। इसमें शारीरिक गतिविधि, संतुलित आहार, व्यायाम और पर्याप्त नींद शामिल हैं। वजन को नियंत्रित रखना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मोटापा डायबिटीज के जोखिम कारकों में से एक है।


सही आहार का चयन

डायबिटीज के रोगियों को खान-पान पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है। मीठे और अधिक कार्ब्स वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, प्रोटीन युक्त फल, और साबुत अनाज।


व्यायाम का महत्व

डायबिटीज के रोगियों के लिए नियमित व्यायाम अत्यंत आवश्यक है। प्रतिदिन कम से कम 30-40 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए। चलना, तैराकी या साइकिलिंग जैसे सामान्य व्यायाम भी सहायक हो सकते हैं। नियमित व्यायाम वजन कम करने और कैलोरी बर्न करने में मदद करता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि का खतरा कम होता है।