खर्राटों की समस्या: कारण और समाधान
खर्राटों का परिचय
नई दिल्ली: आजकल कई लोग खर्राटों की समस्या से जूझ रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि खर्राटे लेने का कारण क्या होता है? जब किसी व्यक्ति के ऊपरी वायुमार्ग के ऊतकों में कंपन होता है, तो सोते समय सांस लेते वक्त तेज आवाज उत्पन्न होती है, जिसे खर्राटे कहा जाता है। अमेरिकन अकैडमी ऑफ ओटोलैरिंगोलॉजी के अनुसार, 45 प्रतिशत अमेरिकी वयस्क खर्राटे लेते हैं, जिनमें से 25 प्रतिशत नियमित रूप से ऐसा करते हैं। यह समस्या पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक आम है।
खर्राटों के कारण
स्लीप ऐप्निया: अमेरिका के sleepfoundation.org के अनुसार, स्लीप ऐप्निया एक सामान्य नींद और श्वसन से जुड़ी बीमारी है, जो अक्सर पहचान में नहीं आती। इस स्थिति में वायुमार्ग नींद के दौरान आंशिक रूप से बंद हो जाता है, जिससे व्यक्ति जोर से खर्राटे लेने लगता है।
नाक बंद होना: यदि किसी एलर्जी, संक्रमण या सामान्य जुकाम के कारण नाक बंद हो जाती है, तो इससे भी खर्राटे आ सकते हैं। नाक की भीड़ के कारण वायुमार्ग में हवा का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे खर्राटे उत्पन्न होते हैं।
मोटापा: मोटापे के कारण गर्दन के आसपास अतिरिक्त ऊतकों के कारण वायुमार्ग का आकार छोटा हो जाता है, जिससे खर्राटे आने की संभावना बढ़ जाती है। यदि मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति अपना वजन कम करते हैं, तो खर्राटों की समस्या में सुधार हो सकता है।
उम्र बढ़ना: जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, नींद में कई बदलाव आते हैं, जिससे खर्राटे आ सकते हैं। उम्र के साथ वायुमार्ग के आसपास की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।
खर्राटों से राहत पाने के उपाय
- यदि आप ओवरवेट हैं, तो वजन कम करें।
- पीठ के बल सोने के बजाय करवट लेकर सोएं। पीठ के बल सोने से जीभ कंठ के पिछले हिस्से को छूने लगती है, जिससे वायुमार्ग अवरुद्ध हो सकता है।
- अपने सिरहाने को लगभग 4 इंच ऊंचा करें। आप चाहें तो सिर के नीचे 2-3 तकिए रख सकते हैं।
- यदि नाक बंद होने का कारण एलर्जी है, तो उसका उपचार कराएं।
- सोने से पहले शराब और सिगरेट का सेवन न करें।