आंखों का पीला होना: जानें 7 गंभीर बीमारियों के संकेत
आंखों के रंग से जानें स्वास्थ्य की स्थिति
आंखों की स्थिति से कई स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाया जा सकता है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि पीली आंखें केवल एक लक्षण नहीं हैं, बल्कि यह कई बीमारियों का संकेत हो सकती हैं। यदि आंखों का सफेद हिस्सा हल्का पीला दिखाई देने लगे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। पीली आंखें कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती हैं, जिसमें पीलिया भी शामिल है।
इस लेख में जानें कि कौन सी चार बीमारियां आंखों के पीले होने का कारण बन सकती हैं और चिकित्सा विशेषज्ञ इस पर क्या कहते हैं। साथ ही, किन परिस्थितियों में आपको जांच करानी चाहिए।
हेपेटाइटिस के संकेत: आंखों का पीला होना हेपेटाइटिस का संकेत हो सकता है। इस बीमारी में लीवर में सूजन आ जाती है, जिससे आंखें पीली हो जाती हैं। हेपेटाइटिस यकृत को नुकसान पहुंचाता है, जिससे वह बिलीरूबिन को ठीक से छान नहीं पाता।
सिकल सेल एनीमिया: इस स्थिति में आंखें पीली हो सकती हैं क्योंकि शरीर में चिपचिपा खून बनने लगता है। यह लीवर या तिल्ली में टूटने लगता है, जिससे बिलीरूबिन का निर्माण होता है। इसके अलावा, सिकल सेल एनीमिया से उंगलियों में दर्द और सूजन भी हो सकती है।
सिरोसिस: पीली आंखें सिरोसिस का भी संकेत हो सकती हैं। यह तब होता है जब लिवर की कोशिकाएं धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। सिरोसिस का मुख्य कारण अत्यधिक शराब का सेवन है। यदि आपकी आंखें लंबे समय तक पीली रहती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
मलेरिया: यह भी आंखों के पीले होने का एक कारण हो सकता है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि मलेरिया के कारण आंखें पीली हो सकती हैं। यदि आपको आंखों में पीलापन दिखाई दे, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।
कुछ दवाओं का अधिक सेवन: एसिटामिनोफेन, इबुप्रोफेन या एस्पिरिन जैसी दवाओं का लंबे समय तक सेवन करने से भी आंखों में पीलापन आ सकता है।
नवजात पीलिया: यह एक सामान्य स्थिति है जिसमें नवजात शिशु की त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला दिखाई देता है। यह स्थिति आमतौर पर तब होती है जब बच्चे का लीवर बिलीरुबिन को तेजी से नहीं निकाल पाता।
अग्नाशय कैंसर: पीलिया अक्सर अग्नाशय कैंसर का पहला संकेत होता है। यह संकेत हो सकता है कि ट्यूमर इतना बड़ा हो गया है कि वह सामान्य पित्त नली को अवरुद्ध कर रहा है।