अर्जुन की छाल: हृदय स्वास्थ्य के लिए अद्भुत औषधि
अर्जुन का वृक्ष और इसकी औषधीय उपयोगिता
प्राचीन आयुर्वेद में अर्जुन के वृक्ष का उपयोग हृदय रोगों के उपचार के लिए किया जाता रहा है। इसकी छाल को विभिन्न औषधियों के रूप में जैसे चूर्ण, काढ़ा, क्षीर पाक और अरिष्ट के रूप में लिया जाता है।
अर्जुन की छाल के गुण
इसकी छाल और फल का औषधीय महत्व अत्यधिक है। अर्जुन की छाल में लगभग 20-24% टैनिन मौजूद होता है। इसके अलावा, इसमें बीटा-सिटोस्टिरोल, इलेजिक एसिड, ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड और अर्जुनिक एसिड जैसे तत्व भी पाए जाते हैं। इसके साथ ही, इसमें पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज भी होते हैं।
अर्जुन की छाल के लाभ हृदय रोगों के लिए
यह हृदय रोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह अनियमित धड़कनों को नियंत्रित करती है और हृदय की सूजन को कम करती है। अर्जुन की छाल और जंगली प्याज का चूर्ण बनाकर, इसे दूध के साथ लेने से हृदय संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है। यह दिल की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और हृदय की ब्लॉकेज में भी सहायक होती है।
अर्जुन की छाल की चाय और उच्च रक्तचाप
अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करती है। इसके सेवन से एनजाइना के दर्द में भी कमी आती है। 1 चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर 2 गिलास पानी में उबालकर, इसे सुबह-शाम पीने से रक्त प्रवाह में सुधार होता है।