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गर्भवती के जहरीली हवा में सांस लेने से समय से पहले हो सकता है बच्चे का जन्म : स्टडी

नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। गर्भावस्था के दौरान वायु प्रदूषण में मौजूद सूक्ष्म कणों के संपर्क में आने से महिलाओं के शरीर में होने वाली चयापचय (मेटाबॉलिज्म) प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है। इससे शरीर के कुछ जरूरी जैविक कार्यों में बदलाव आ सकते हैं और बच्चे का समय से पहले जन्म होने का खतरा भी बढ़ सकता है।
 

नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। गर्भावस्था के दौरान वायु प्रदूषण में मौजूद सूक्ष्म कणों के संपर्क में आने से महिलाओं के शरीर में होने वाली चयापचय (मेटाबॉलिज्म) प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है। इससे शरीर के कुछ जरूरी जैविक कार्यों में बदलाव आ सकते हैं और बच्चे का समय से पहले जन्म होने का खतरा भी बढ़ सकता है।

अमेरिका के एटलांटा में स्थित एमोरी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बताया कि ये बदलाव समय से पहले बच्चे के जन्म और अन्य नकारात्मक गर्भावस्था परिणामों के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

समय से पहले जन्म होने पर बच्चे को सेरेब्रल पाल्सी, सांस की परेशानी (श्वसन संकट सिंड्रोम) और लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों का खतरा हो सकता है। इसके अलावा, गर्भावस्था के 37 से 39 सप्ताह के बीच जन्म होने पर भी नवजात में बीमारी और विकास से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती हैं।

दुनिया में समय से पहले होने वाले प्रसव में 10 प्रतिशत वायु प्रदूषण के कारण हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों की वजह से होता है।

रोलिंस स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, एमोरी विश्वविद्यालय में पर्यावरण स्वास्थ्य के एसोसिएट प्रोफेसर और इस अध्ययन के प्रमुख लेखक डोंगहाई लियांग ने कहा, "वायु प्रदूषण और समय से पहले जन्म के बीच संबंध पहले से ही साबित हो चुका है। लेकिन, पहली बार हमने यह समझने की कोशिश की है कि खास सूक्ष्म कण शरीर में कैसे असर डालते हैं और ये प्रतिकूल जन्म परिणामों के जोखिम को कैसे बढ़ाते हैं।"

लियांग ने कहा, "यह बहुत जरूरी है क्योंकि अगर हम यह समझ सकें कि 'क्यों' और 'कैसे' ये असर होता है, तो हम इसका बेहतर इलाज या रोकथाम कर पाएंगे।"

इस अध्ययन में 330 गर्भवती महिलाओं के रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया गया। इसमें दो पदार्थ कॉर्टेक्सोलोन और लाइसोपीई पाए गए, जो अल्पकालिक वायु प्रदूषण के संपर्क और समय से पहले जन्म के खतरे के बीच संबंध को बताते हैं। ये पदार्थ एक संभावित तरीका भी दिखाते हैं, जिससे वायु प्रदूषण समय से पहले प्रसव को बढ़ावा देता है।

अध्ययन में बताया गया है कि वायु प्रदूषण से प्रोटीन के पचने और शरीर में अवशोषित होने में दिक्कत आती है, जो भ्रूण के विकास और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए बहुत जरूरी है। यह समस्या वायु प्रदूषण और समय से पहले जन्म के बीच संभावित संबंध को दर्शाती है। साथ ही, इस अध्ययन ने रोकथाम के लिए नए संभावित तरीके भी सुझाए हैं।

अध्ययन में शामिल 330 महिलाओं में से 66 (20 प्रतिशत) ने समय से पहले बच्चे को जन्म दिया, जो सामान्य अमेरिकी आबादी की तुलना में काफी ज्यादा है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि वायु प्रदूषण इन प्रभावों को अच्छी तरह समझना बहुत जरूरी है।

लियांग ने कहा, "भविष्य में हम इन अणुओं को निशाना बनाकर ऐसी रणनीतियां या इलाज विकसित कर सकते हैं, जो इन खराब स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने में मदद करें।"

--आईएएनएस

एसएचके/एकेजे