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स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों का घरेलू कचरा संग्रहण में इंटीग्रेशन एक बड़ा बदलाव : केंद्र

नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) के तहत घरेलू कचरा संग्रहण में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का इंटीग्रेशन एक परिवर्तनकारी कदम है।
 

नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) के तहत घरेलू कचरा संग्रहण में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का इंटीग्रेशन एक परिवर्तनकारी कदम है।

ईवी वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करते हुए दैनिक कचरे का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करते हैं। ये शून्य-उत्सर्जन वाहन सस्टेनेबल शहरी स्वच्छता के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं।

पारंपरिक ईंधन से चलने वाले कचरा ट्रकों की जगह पर, ईवी न केवल कार्बन उत्सर्जन में कटौती करते हैं, बल्कि कचरा मुक्त शहरों के मिशन के लक्ष्य के साथ भी जुड़े होते हैं।

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा, "क्लीन मोबिलिटी और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के बीच यह इनोवेटिव तालमेल पर्यावरण के प्रति अधिक जिम्मेदार भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।"

उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश के गुंटूर ने घर-घर कचरा संग्रहण के लिए 200 से अधिक इलेक्ट्रिक ऑटो तैनात कर कचरा प्रबंधन में पर्यावरण के अनुकूल परिवर्तन को अपनाया है।

संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूएनआईडीओ) और ग्लोबल एनवायरनमेंट फैसिलिटी (जीईएफ) द्वारा सस्टेनेबल सिटीज इंटीग्रेटेड पायलट अप्रोच (एससीआईएपी) के तहत समर्थित इस पहल में पारंपरिक डीजल से चलने वाले ट्रकों की जगह एक हरित विकल्प लाया गया है।

ये इलेक्ट्रिक ऑटो, जिनमें से प्रत्येक में रियल-टाइम निगरानी के लिए जीपीएस ट्रैकिंग की सुविधा है, शहर के 159.46 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कुशलतापूर्वक कवर करते हैं।

मंत्रालय ने बताया, "सालाना 71,000 लीटर से अधिक डीजल की आवश्यकता को समाप्त कर, यह परियोजना ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को काफी हद तक कम करती है।"

ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन (जीसीसी) ने शहर भर में कचरा संग्रहण के लिए बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक रिक्शा भी तैनात किए हैं।

डीजल से चलने वाले वाहनों की जगह ई-रिक्शा लाकर, जो प्रतिदिन लगभग 40 किलोमीटर की यात्रा करते हैं, शहर प्रभावी रूप से प्रतिदिन लगभग 41 टन कार्बन उत्सर्जन को कम करता है, जो कि सालाना 15,160 टन की कमी के बराबर है।

वर्तमान में, जीसीसी 5,478 ई-रिक्शा का एक मजबूत बेड़ा संचालित करता है, जो सभी 15 क्षेत्रों में सेवा प्रदान करता है और 24,621 सड़कों और 2.1 मिलियन से अधिक घरों को कवर करता है।

मंत्रालय ने कहा, "इस पहल से 6,000 से अधिक व्यक्तियों के लिए रोजगार भी पैदा होता है। ई-रिक्शा में ऑडियो सिस्टम का इंटीग्रेशन गीतों और सार्वजनिक सूचना अभियानों के माध्यम से वेस्ट-सेपरेशन के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद करता है।"

इंदौर नगर निगम ने पारंपरिक डीजल-चालित ट्रकों की जगह डोर-टू-डोर कचरा संग्रह के लिए 100 इलेक्ट्रिक वाहन (ई-वाहन) पेश कर पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी और परिचालन दक्षता की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम उठाया है।

डीजल वाहनों से स्विच करने से निगम को ईंधन, सर्विसिंग, इंजन ऑयल और क्लच रिप्लेसमेंट लागतों को ध्यान में रखते हुए सालाना लगभग 5.97 करोड़ रुपए की बचत होने की उम्मीद है।

मंत्रालय के अनुसार, निगम ने 20 सौर चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए हैं, जिनमें से प्रत्येक 10 किलोवाट के सौर पैनलों से सुसज्जित है, जो प्रतिदिन 800-1000 यूनिट हरित ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम हैं। ये स्टेशन प्रतिदिन 80 से 100 वाहनों को चार्ज कर सकते हैं, जिससे पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी।

--आईएएनएस

एसकेटी/