हिंदुओं के लिए मक्का की यात्रा पर प्रतिबंध: जानें कारण
हिंदुओं का मक्का में प्रवेश क्यों वर्जित है?
मक्का और मदीना: इस्लाम के पवित्र स्थल - जब हम मक्का और मदीना का नाम सुनते हैं, तो अक्सर हज यात्रा का ख्याल आता है। ये स्थान इस्लाम के सबसे महत्वपूर्ण शहर माने जाते हैं, जहां पैगम्बर मोहम्मद का जन्म हुआ था। हालांकि, बहुत से लोग नहीं जानते कि मक्का और मदीना वास्तव में क्या हैं। ये दोनों शहर सऊदी अरब में स्थित हैं और हज यात्रा का केंद्र हैं। यहां गैर-मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित है, लेकिन इसके पीछे का कारण क्या है? आइए जानते हैं।
हिंदू मक्का क्यों नहीं जा सकते?
मक्का में केवल मुसलमानों को ही जाने की अनुमति है। हालांकि, मदीना में कुछ हिस्सों में गैर-मुस्लिमों का प्रवेश संभव है, लेकिन वहां भी कुछ क्षेत्र केवल मुसलमानों के लिए आरक्षित हैं। मदीना में अल-हरम मस्जिद स्थित है, जहां मूर्ति पूजा की अनुमति नहीं है। यदि कोई ऐसा करते हुए पाया जाता है, तो उसे गंभीर सजा मिल सकती है। मक्का में गैर-मुस्लिमों का प्रवेश इसलिए प्रतिबंधित है क्योंकि अरब के शेखों का मानना है कि केवल इस्लाम स्वीकार करने वाले ही अल्लाह की शरण में जा सकते हैं।
गैर-मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित
मक्का के प्रवेश द्वार पर कई चेकपॉइंट हैं, जहां यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई गैर-मुस्लिम अंदर न जाए। यदि कोई व्यक्ति मुसलमान नहीं है, तो उसे रोका जा सकता है और सजा दी जा सकती है, साथ ही भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है। सऊदी अरब इस्लामिक दुनिया का एक प्रमुख देश है, जहां केवल अल्लाह की इबादत की अनुमति है। कहा जाता है कि हर मुसलमान को यहां कम से कम एक बार अवश्य आना चाहिए।