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सुरक्षा बलों की कार्रवाई से नकली नोटों के कारोबार में बड़ी सफलता

सुरक्षा बलों ने सुकमा में नकली नोटों के उत्पादन और वितरण पर प्रभावी अंकुश लगाने में सफलता प्राप्त की है। नक्सलियों द्वारा नकली नोट छापने की सूचना के बाद, सुरक्षा बलों ने एक संयुक्त सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें कई उपकरण और नकली नोट बरामद किए गए। इस कार्रवाई ने नक्सलियों की वित्तीय गतिविधियों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। जानें इस अभियान की पूरी कहानी और इसके प्रभाव के बारे में।
 

नकली नोटों के खिलाफ सुरक्षा बलों की मुहिम


रायपुर: सुरक्षा बलों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने नकली नोटों के उत्पादन और वितरण पर प्रभावी अंकुश लगाने में मदद की है। सुकमा पुलिस को नक्सलियों द्वारा नकली नोटों की छपाई की सूचना मिली, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत अलर्ट किया। जिला बल, डीआरजी बस्तर फाइटर और 50वीं वाहिनी सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया।


टीम ने ग्राम मैलासूर, कोराजगुड़ा, दंतेशपुरम और आस-पास के क्षेत्रों की गहन तलाशी ली। जैसे ही सुरक्षा बल को देखा गया, नक्सली मौके से भाग खड़े हुए। तलाशी के दौरान, सुरक्षा बलों को विभिन्न स्थानों से नकली नोट बनाने की मशीनें, कलर प्रिंटर, इन्वर्टर मशीन, रंगीन स्याही, और 50, 100, 200, 500 रुपये के नकली नोटों के नमूने मिले।


इसके अलावा, जवानों ने हथियार, वायरलेस सेट, मैगज़ीन पाउच, नक्सली काली वर्दी, और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री भी बरामद की। यह घटना नक्सलियों की वित्तीय गतिविधियों पर अंकुश लगाने और नकली मुद्रा के नेटवर्क को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।


इस संयुक्त सर्च ऑपरेशन के दौरान, टीम ने नकली नोट छापने के उपकरण, कच्चा माल और नकली नोटों की एक बड़ी खेप भी बरामद की। इस सफलता ने नकली नोटों के कारोबार में लगे नक्सली गिरोहों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। सुरक्षा बलों ने इस अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देकर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस प्रकार की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से न केवल नकली नोटों के व्यापार पर असर पड़ेगा, बल्कि नक्सलियों की फंडिंग के स्रोतों पर भी प्रभावी अंकुश लगने की संभावना है।