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सीरिया में जिहाद के नाम पर हुई दरिंदगी: एक लड़की की दिल दहला देने वाली कहानी

सीरिया में जिहाद के नाम पर एक लड़की के साथ हुई बर्बरता की कहानी सुनकर हर कोई दंग रह जाएगा। उसने अपने पिता और अन्य लोगों द्वारा किए गए अत्याचारों के बारे में बताया है। यह कहानी न केवल उसके व्यक्तिगत संघर्ष को दर्शाती है, बल्कि उस भयावह स्थिति को भी उजागर करती है, जिसमें कई लोग जी रहे हैं। जानें इस दिल दहला देने वाली कहानी के बारे में और कैसे यह जिहाद के नाम पर हो रहे अत्याचारों की सच्चाई को सामने लाती है।
 

सीरिया में जिहाद के नाम पर अत्याचार


सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध के बीच, राष्ट्रपति देश छोड़कर भाग गए हैं, जिससे वहां रहने वाले लोगों की जिंदगी बेहद कठिन हो गई है। विद्रोही और सरकारी सेना दोनों ही आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं, खासकर लड़कियों को।


एक लड़की ने अपनी दर्दनाक कहानी साझा की है, जिसमें उसने बताया कि जिहाद के नाम पर उसके साथ कई लोगों ने बर्बरता की। इस घिनौनी घटना में उसका पिता भी शामिल था। उसने कहा कि उसके घर पर कई लोग आए और बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। वह चिल्लाती रही और मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन कोई नहीं आया। जब वह बेहोश हुई, तो उसने अपने पिता को बुलाया और पूछा कि उसके साथ यह सब क्यों हो रहा है।


जिहाद के नाम पर हुई दरिंदगी


उसके पिता ने उसे बताया कि सब कुछ ठीक है और यह सब जिहाद का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि जब वह मरेगी, तो शहीद कहलाएगी और उसे जन्नत मिलेगी। लड़की ने बताया कि वह बीमार हो गई और 23 दिनों तक बिस्तर पर पड़ी रही, लेकिन उसके पिता ने उसे डॉक्टर के पास नहीं ले जाने दिया।






गांव में आर्मी के जवान आए और..


जब वह कुछ ठीक हुई, तो उसके पिता ने फिर से पुरुषों को उसके पास भेजना शुरू कर दिया। यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक कि गांव में सेना के जवान नहीं आ गए। उसके पिता और अन्य लड़ाके गांव छोड़कर भाग गए। कुछ दिन बाद उसकी मां और भाई लौटे, और उसने उनसे पूछा कि वे उसे छोड़कर क्यों भाग गए। जब उसने अपनी मां को बताया कि उसके साथ क्या हुआ, तो मां ने कहा कि जो भी हुआ, वह अच्छे के लिए था। मां ने उसे धमकी दी कि यह सब किसी को नहीं बताना, नहीं तो वे उसे मार देंगे।


एक दिन, उसकी मां ने उसे बुलाया और कहा कि उसे उनके पास भेजने के लिए उसके पिता ने कॉल किया। जब उसकी मां बाहर गई, तो वह नहाने चली गई। लड़की को यह देखकर आश्चर्य हुआ कि उसकी मां भी उसी तरह की स्थिति का सामना कर रही थी, जो उसके साथ हो रहा था, जिहाद के नाम पर।