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सहारनपुर में गैंगस्टर सिराज अहमद का एनकाउंटर: अपराध की दुनिया में गिरावट की कहानी

सहारनपुर में गैंगस्टर सिराज अहमद का एनकाउंटर हुआ, जिसने 28 महीने तक पुलिस को परेशान किया। जानें कैसे एक आर्मी मैन का बेटा अपराध की दुनिया में गिरा और उसके परिवार पर क्या बीता। इस घटना ने इलाके में दहशत का माहौल बना दिया था, लेकिन अब परिवार ने राहत की सांस ली है।
 

सिराज अहमद का अपराधी सफर

सुल्तानपुर। यूपी के सहारनपुर में मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर सिराज अहमद की तलाश में पुलिस ने 28 महीने बिताए। यह जानना दिलचस्प है कि एक आर्मी मैन का बेटा कैसे अपराध की दुनिया में फंस गया और अपने भाई को भी इस दलदल में खींच लिया। इसकी शुरुआत 2006 में एक मारपीट और लूट के मामले से हुई।


हत्याकांड और पुलिस की कार्रवाई

सुल्तानपुर में 6 अगस्त 2023 को भुलकी चौराहे पर गैंगस्टर सिराज ने अपने साथियों के साथ अधिवक्ता आजाद अहमद की हत्या कर दी। इस घटना के बाद पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए तीन विशेष टीमों का गठन किया। सिराज अक्सर चोरी-छिपे अपने घर आता और चला जाता था। पुलिस की असफलता के बाद, इनाम की राशि बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई, लेकिन फिर भी वह पकड़ में नहीं आया।


परिवार की दहशत

अधिवक्ता आजाद की हत्या के बाद उनका परिवार लगातार दहशत में रहा। सिराज के करीबी लोग उन्हें धमकाते रहे। 5 जुलाई को उनके पिता मो. सलीम पर भी हमला हुआ था, जिसमें वह किसी तरह बच गए।


सिराज का खौफ

सिराज अहमद 36 साल की उम्र में एक कुख्यात अपराधी बन चुका था। उसके खिलाफ 28 आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें से 27 में उसे जमानत मिल गई थी। उसके गैंग में नौ लोग शामिल थे।


एनकाउंटर की जानकारी और परिवार की खुशी

सिराज अहमद का एनकाउंटर सहारनपुर के गंगोह में हुआ। उसकी मौत की खबर सुनकर अधिवक्ता आजाद के परिवार ने मिठाइयां बांटी और खुशी का इजहार किया। उनके पिता ने एसटीएफ और प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया।


मुख्तार अंसारी गैंग का शार्प शूटर

सिराज अहमद, जो मुख्तार अंसारी गैंग का शार्प शूटर था, हत्या और अन्य गंभीर मामलों में वांछित था। उसकी मौत से इलाके में एक तरह की राहत महसूस की जा रही है।