रिलायंस NU एनर्जी की नई उपलब्धि: 1500 मेगावाट टेंडर में सबसे बड़ा हिस्सेदार
रिलायंस NU एनर्जी की बड़ी जीत
रिलायंस NU एनर्जी की बड़ी जीत
अनिल अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस पावर की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, रिलायंस NU एनर्जी, ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। कंपनी ने नवरत्न एंटरप्राइज SJVN द्वारा आयोजित 1500 मेगावाट / 6000 MWh फर्म और डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी (FDRE) ISTS टेंडर में सबसे बड़ा हिस्सेदार बनकर अपनी ताकत साबित की है।
कंपनी को 10 नवंबर को इस टेंडर के लिए लेटर ऑफ अवार्ड (LoA) प्राप्त हुआ। इसके तहत रिलायंस NU एनर्जीज ने कुल टेंडर का आधा हिस्सा, यानी 750 मेगावाट / 3000 MWh, हासिल किया। इस टेंडर का उद्देश्य हाइब्रिड और स्टोरेज-आधारित ऊर्जा समाधानों के माध्यम से चौबीसों घंटे रिन्यूएबल बिजली की सप्लाई करना है। इस डील के बाद कंपनी के शेयरों में तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। वर्तमान में कंपनी के शेयर लगभग 41 रुपए के स्तर पर ट्रेड कर रहे हैं।
सबसे कम टैरिफ के साथ सबसे बड़ी विजेता
इस टेंडर में कुल 14 बोलीदाताओं ने ऑनलाइन रिवर्स नीलामी में भाग लिया। इसके बावजूद, रिलायंस NU एनर्जी ने 6.74 रुपये प्रति kWh के सबसे कम टैरिफ के साथ सबसे बड़ी विजेता बनकर अपनी स्थिति को मजबूत किया। यह इस बात का संकेत है कि कंपनी न केवल बड़े प्रोजेक्ट जीत रही है, बल्कि लागत और प्रतिस्पर्धा में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है।
देश में सबसे बड़ा सोलर और बैटरी पोर्टफोलियो
इस नई सफलता के साथ, रिलायंस ग्रुप सोलर और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा खिलाड़ी बन गया है। कंपनी के पास अब 4 GWp से अधिक सौर क्षमता और 6.5 GWh बैटरी स्टोरेज पोर्टफोलियो है। यह सभी टेंडर नवरत्न उद्यमों के माध्यम से हासिल किए गए हैं और यह उपलब्धि कंपनी ने एक साल से भी कम समय में प्राप्त की है।
प्रोजेक्ट से DISCOMs को मिलेगा लाभ
आने वाला प्रोजेक्ट 900 MWp सौर क्षमता के साथ 3,000 MWh से अधिक बैटरी स्टोरेज को एकीकृत करेगा। इसका मतलब यह है कि बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) को डिस्पैचेबल रिन्यूएबल पीकिंग पावर मिलेगी। यानी अब बिजली की कमी के समय भी यह प्रोजेक्ट काम करेगा और बिजली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।