भूपेश बघेल के निवास पर ईडी का छापा: कोयला खदान परियोजना का विवाद
ईडी की छापेमारी का विवरण
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर छापा मारा। बघेल के कार्यालय ने बताया कि यह कार्रवाई रायगढ़ की तमनार तहसील में एक कोयला खदान परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई के मुद्दे को लेकर की गई, जिसे उनकी पार्टी ने विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन उठाने का निर्णय लिया था।
छापेमारी का कारण
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह छापेमारी किस विशेष मामले से संबंधित है। बघेल के कार्यालय ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा, 'ईडी आ गई। आज विधानसभा का अंतिम दिन है। अदाणी के लिए तमनार में पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठना था। भिलाई निवास में साहेब ने ईडी भेज दी है।'
भूपेश बघेल का समर्थन
इस महीने की शुरुआत में, बघेल ने रायगढ़ जिले के तमनार क्षेत्र का दौरा किया था और स्थानीय ग्रामीणों के प्रति समर्थन व्यक्त किया था, जो कोयला खदान परियोजना के लिए पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे थे। यह खदान महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड को आवंटित की गई है, जिसमें अदाणी समूह को एमडीओ का ठेका दिया गया है।
सीबीआई की कार्रवाई
भूपेश बघेल के निवास पर ईडी की छापेमारी एकमात्र केंद्रीय जांच एजेंसी की कार्रवाई नहीं है। मार्च में, महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में भी सीबीआई ने उनके घर पर छापा मारा था। बघेल ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई राजनीतिक प्रेरणा से की गई थी और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले उनके भाषण के लिए सामग्री जुटाने का प्रयास था।
ईडी के आरोपों का विवरण
ईडी ने आरोप लगाया है कि सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और शराब कारोबारियों के एक समूह ने 2019 से 2022 के बीच राज्य में शराब की बिक्री से लगभग ₹2,161 करोड़ की अवैध वसूली की। इस कथित घोटाले में शराब आपूर्ति श्रृंखला में हेरफेर शामिल था, जहां एक गिरोह सरकारी दुकानों के माध्यम से शराब की बिक्री और वितरण को नियंत्रित करता था। एजेंसी ने पहले भी कई छापे मारे हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार से जुड़े राजनेताओं और अधिकारियों पर छापे शामिल हैं।